सिर्फ अनुसरण ना करें, नयी तरकीब सोचें
कोलकाता. ”पुराने तौर-तरीकों या लकीर का अनुसरण नहीं कर कुछ नयी तरकीब सोचिये. उद्योग व्यापार में जो नया सोच लायेगा, वही सफल होगा. आज जो है, वह कल नहीं रहेगा, इसलिए आगे का सोचिये और नयी पीढ़ी को प्रेरित कीजिये कि वह आपकी लकीर पर नहीं, बल्कि आपसे आगे नये पथ की तलाश करे.” ये […]
कोलकाता. ”पुराने तौर-तरीकों या लकीर का अनुसरण नहीं कर कुछ नयी तरकीब सोचिये. उद्योग व्यापार में जो नया सोच लायेगा, वही सफल होगा. आज जो है, वह कल नहीं रहेगा, इसलिए आगे का सोचिये और नयी पीढ़ी को प्रेरित कीजिये कि वह आपकी लकीर पर नहीं, बल्कि आपसे आगे नये पथ की तलाश करे.”
ये उदगार है ईमामी उद्योग समूह के चेयरमैन, समाजसेवी व विचारक राधेश्याम अग्रवाल ने मंगलवार शाम मारवाड़ी समाज के परंपरागत दीपावली प्रीति सम्मेलन में प्रकट किये. इसका आयोजन पश्चिम बंगाल प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से ज्ञान मंच सभागार में किया गया था. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जो देगा, वही आगे बढ़ेगा. लेनेवाला चाहे कितना ही बड़ा आदमी क्यों न हो, भिखारी ही कहलाता है. व्यापार-उद्योग में अपने कर्मचारियों को साझेदार समझिये व उन्हें देने की प्रवृत्ति रखिये, भगवान आपको देगा. श्री अग्रवाल ने अपने संक्षिप्त भाषण के पश्चात उपस्स्थित लोगों के एक दर्जन से अधिक प्रश्नों का उत्तर दिया, जिनमें उनकी बेमिसाल सफलता का राज, पारिवारिक संप्रीति व समन्वय, नारी सशक्तीकरण आदि मुद्दे शामिल थे.
श्री अग्रवाल ने सभी सवालों का सटीक उत्तर देकर ज्ञानमंच के खचाखच भरे हॉल में लोगों को संतुष्ट किया. कार्यक्रम का संचालन करते हुए उदघोषक विश्वंभर नेवर ने सम्मेलन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला व श्री अग्रवाल के अद्वितीय व्यक्तित्व व कृतित्व के कुछ प्रेरणादायक प्रसंगों का जिक्र किया. भानीराम सुरेका ने स्वागत भाषण दिया, जबकि प्रांतीय सम्मेलन के अध्यक्ष जगदीश चंद्र एन मूंधड़ा ने धन्यवाद की रस्म अदा की. कार्यक्रम का आरंभ गंगा पचीसिया के सुमधुर गीत-संगीत से हुआ. कार्यक्रम में मारवाड़ी समाज के अलावा दूसरे समाज के कई गणमान्य लोग भी उपस्स्थित थे. इस अवसर पर सुशील गोयनका, डीके सराफ, धीरज अग्रवाल, राजेंद्र खंडेलवाल, संतन कुमार पांडे, सिराज खान बातिश, ओम प्रकाश मस्करा, सोमा बंद्योपाध्याय, प्रमोद शाह, ईश्वरी प्रसाद टांटिया, संतोष हरलालका, रवि पोद्दार, शांतिलाल जैन, महेश शर्मा व श्रीराम तिवारी आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्स्थित थे.