यह इतना अधिक है कि इसे रखने के लिए लगभग सौ एकड़ जमीन का इस्तेमाल किया गया है. इन सामानों की वजह से 100 एकड़ जमीन बेकार पड़ी हुई है. उसे किसानों को सौंपना मुमकिन नहीं हो पा रहा है.
काफी सामान दुर्गापुर हाईवे के किनारे पर भी रखा गया है. राज्य सरकार ने टाटा प्रबंधन को पहले ही सूचना दे दी थी आैर उससे इन सामानों को ले जाने के लिए कहा था, पर टाटा ने राज्य सरकार की इस बात का कोई जवाब नहीं दिया. सूत्रों के अनुसार इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार अब इन सामानों की नीलामी की योजना पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक नीलामी का फैसला आठ नवंबर के बाद लिया जायेगा. उससे पहले सरकार सभी पक्षों पर विचार कर रही है.