उपचुनाव के दौरान हो सकती है हिंसा : भाजपा

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में राजनीति निचले स्तर पर पहुंच गयी है. उपचुनाव की घोषणा तो हो चुकी है, लेकिन विरोधी पार्टी के उम्मीदवार को चुनाव प्रचार तक नहीं करने दिया जा रहा है. शुक्रवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आगामी उपचुनाव में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2016 8:07 AM
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में राजनीति निचले स्तर पर पहुंच गयी है. उपचुनाव की घोषणा तो हो चुकी है, लेकिन विरोधी पार्टी के उम्मीदवार को चुनाव प्रचार तक नहीं करने दिया जा रहा है. शुक्रवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आगामी उपचुनाव में हिंसा की घटनाएं हो सकती हैं. भाजपा की ओर से उपचुनाव के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करने की मांग की गयी है, ताकि लोग शांति से वोट दे सकें. श्री घोष ने कहा कि कुछ दिन पहले तमलुक के पूर्व सांसद लक्ष्मण सेठ भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन जब से वे भाजपा में शामिल हुए हैं.

राज्य सरकार द्वारा उनको प्रताड़ित किया जा रहा है. 10 वर्ष पुराने मामले में उन्हें पुलिस की ओर से नये सिरे से सम्मन भेजा जा रहा है और उनको रोकने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा वहां अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरी है, वहां किसी के भरोसे उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है लेकिन राज्य सरकार का रवैया यह दर्शाता है कि यहां तृणमूल कांग्रेस किस प्रकार की राजनीति कर रही है.

तमलुक में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले डॉ अंबुजल मोहंती ने प्रेस क्लब में संवाददाताओं को संबाेधित करते हुए कहा कि उन्होंने जब से चुनाव प्रचार करना शुरू किया है, तब से जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं. भाजपा का बैनर व फ्लेक्स तक नहीं लगाने दिया जा रहा है. यहां राजनीति का स्तर गिरता ही जा रहा है. श्री मोहंती, जोका स्थित आइआइएम कोलकाता में प्रोफेसर हैं और वे पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को भाजपा के नाम पर डराया जा रहा है कि यह एक सांप्रदायिक पार्टी है, लेकिन ऐसा नहीं है. जो लोग संप्रदाय की राजनीति करते हैं, वे सिर्फ लोगों को बहकाने के लिए ऐसा कह रहे हैं. जबकि भाजपा देश में एकता व अखंडता कायम करना चाहती है.

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