कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी के फैसले पर निशाना साधते हुए केंद्र सरकार से सवाल पूछा है कि क्या देश के लोग अब प्लास्टिक खायेंगे. 500 व 1000 रुपये के नोट पर पाबंदी के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली स्थित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) के दफ्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के बाद शनिवार को ममता बनर्जी महानगर के बीबीडी बाग स्थित आरबीआइ कार्यालय जा पहुंचीं आैर आैर आरबीआइ के क्षेत्रीय निदेशक रेखा वाडिया समेत अन्य अधिकारियों के साथ बात कर यह जानने का प्रयास किया कि उनके पास कितने नये व पुराने सौ के नोट हैं.
इस मौके पर केंद्र पर निशाना साधते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि देश भर में अफरातफरी का माहौल है. नोटबंदी की घोषणा को 11 दिन हो गये हैं. इस दौरान देश की जीडीपी को 2.75 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. सुश्री बनर्जी ने कहा कि केंद्र ने कहा था कि बैंकों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से व्यवस्था की जायेगी, पर कुछ भी नहीं किया गया. सौ वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था का यह हाल नहीं हुआ था. मुख्यमंत्री ने इलजाम लगाया कि कालाधन के नाम पर केंद्र हमारे जमा धन को लूट रहा है. इस जन-विरोधी सरकार को अपना फैसला वापस लेना होगा आैर पुराने 500 रुपये के नोट का चलन फिर से चालू करना होगा. लोग अपने बचत खाते का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. इसे प्रतिबंधित किया जा रहा है. क्या उनका रुपया सुरक्षित है. यह देश जानना चाहता है. मुख्यमंत्री ने पूछा कि पूरा ग्रामीण भारत रो रहा है. किसान रो रहे हैं.
देश में केवल 4.4 प्रतिशत लोगों के पास डेबिट कार्ड व क्रेडिट कार्ड हैं. बाकी 96 प्रतिशत लोगों का क्या होगा. अगर खाने के लिए भोजन नहीं होगा तो आम लोग क्या खायेंगे. प्लास्टिक. गांवों में बैंक व डाकघर नहीं है. वह अपना पैसा कहां जमा करेंगे. सुश्री बनर्जी ने कहा कि नोटबंदी का फैसला वापस लेने के लिए मैंने केंद्र को 72 घंटे का समय दिया है.
अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो अन्य राजनीतिक दलों के साथ बात कर मैं सोमवार को इस बारे में कोई घोषणा करूंगी. मुख्यमंत्री ने आरबीआइ के अधिकारियों से यह जानना चाहा कि उनके पास 2000, 100, 50, 20 व 10 के कितने नोट हैं. इस पर आरबीआइ अधिकारियों ने उन्हें बताया कि हमारे पास 2000, 100 व 50 के नोट तो हैं, पर 500 रुपये के नोट नहीं है. यह सुनते ही मुख्यमंत्री आैर भड़क गयीं.
उन्होंने केंद्र पर नोट वितरण में भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश, दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों में 500 के नये नोट हैं, पर पश्चिम बंगाल को 500 का एक भी नया नोट नहीं दिया गया है. राज्य के साथ यह भेदभाव क्यों. इसके बाद मुख्यमंत्री बड़ाबाजार व कैनिंग स्ट्रीट गयीं आैर वहां उन्होंने आम लोगों, व्यवसायियों, दुकानदारों व मजदूरों से बात की. लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिस दिन से नोटबंदी की घोषणा हुई है. व्यवसाय पूरी तरह ठप्प पड़ गया है. दुकानों में ग्राहक नहीं है. खुदरा रुपया नहीं होने से व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे वहां काम करने वाले मजदूर भी प्रभावित हुए हैं. एक व्यवसायी ने तो मुख्यमंत्री से कहा कि नौ अक्तूबर से उसने बोहनी तक नहीं की है.