भारत में भी अनिवार्य मतदान प्रणाली से चुनाव संभव
डाॅ राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान में बोले राज्यपाल कोलकाता. वर्तमान में विश्व के 28 देशों में अनिवार्य मतदान की व्यवस्था है. इनमें कुछ बड़े व छोटे देश शामिल हैं. आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पेरु, बोलिविया, कनाडा, ब्राजील, सिंगापुर, इक्वाडोर, उरूग्वे, लक्समबर्ग, नौरू आदि देश में अनिवार्य मतदान का प्रावधान है. वहीं मतदान न करने की अवस्था में […]
डाॅ राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान में बोले राज्यपाल
कोलकाता. वर्तमान में विश्व के 28 देशों में अनिवार्य मतदान की व्यवस्था है. इनमें कुछ बड़े व छोटे देश शामिल हैं. आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पेरु, बोलिविया, कनाडा, ब्राजील, सिंगापुर, इक्वाडोर, उरूग्वे, लक्समबर्ग, नौरू आदि देश में अनिवार्य मतदान का प्रावधान है. वहीं मतदान न करने की अवस्था में दंड का भी प्रावधान है.
वहीं इजिप्ट, ग्रीस मैक्सिको, पारागुए और थाईलैंड में अनिवार्य मतदान का कानून होते हुए भी इसे लागू नहीं किया जा रहा है. यह बातें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने कहीं. वह रविवार को आकाशवाणी कोलकाता द्वारा आयोजित डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान में निर्वाचन विधि की संशोधन प्रक्रिया में सुधार अनिवार्य विषय पर अपने विचार रख रहे थे. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि भारत में भी अनिवार्य मतदान प्रणाली से चुनाव कराया जा सकता है, लेकिन इससे पहले सही दिशा में कोशिश करनी होगी. उन्होंने कहा कि अनिवार्य मतदान से मतदाताओं में प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों के गुण-दोष के आधार पर आंकलन की प्रवृति बढ़ेगी, जिससे मतदान के स्तर में भी सुधार होगा. यदि कोई मतदाता किसी निर्वाचन में किसी भी प्रत्याशी को अपना मत नहीं भी देना चाहता है, तो उसके लिए नोटा या किसी को वोट नहीं का विकल्प खुला है. नोटा को मतदान का एक सकारात्मक स्वरूप कहा जा सकता है.
राज्यपाल ने कहा कि इस प्रणाली के लागू होने पर मतदान न करने वाले मतदाताओं पर कुछ आर्थिक दंड का प्रावधान होना चाहिए. इससे मतदान की प्रवृत्ति बढ़ेगी. मतदाताओं को एक मतदान कार्ड दिया जाये, जिससे यह पता चल सके कि मतदाता ने अपने मत का प्रयोग किया है.
राज्यपाल ने कहा कि अनिवार्य मतदान से चुनाव में होने वाले कई भ्रष्ट आचरण भी समाप्त हो जायेंगे. जब मतदान करना अनिवार्य हो जायेगा तो मतदाता को मत देने के लिए मतदान केंद्र तक जाना ही होगा. श्री त्रिपाठी ने कहा कि अनिवार्य मतदान के लागू होने से पोस्टल मतदान या अन्य माध्यम से मत देने का अवसर दिया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि पोस्टल मतदान की व्यवस्था अभी भी है. निवार्चन आयोग के कर्तव्य पालन में लगे अधिकारियों, कर्मचारियों आदि को मतदान स्थल पर ही मतदान करने की सुविधा प्रदान की जाती है. अनिवार्य मतदान के लागू होने से इस प्रणाली पर आगे भी विचार किया जा सकता है.