बादुरिया के नर्सिंग होम से नवजात बच्चों को बेचने में डॉक्टर भी थे शामिल, एक से दो लाख में बिकते थे मासूम
कोलकाता: नर्सिंग होम व क्लिनिक चलाने की आड़ में नवजात बच्चों को बेच देने के मामले में अब तक तीन डॉक्टरों समेत आठ लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं. सोमवार रात उत्तर 24 परगना के बादुरिया से राज्य पुलिस की सीआइडी टीम ने छह लोगों को गिरफ्तार किया. इनसे पूछताछ के आधार पर मंगलवार को […]
कोलकाता: नर्सिंग होम व क्लिनिक चलाने की आड़ में नवजात बच्चों को बेच देने के मामले में अब तक तीन डॉक्टरों समेत आठ लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं. सोमवार रात उत्तर 24 परगना के बादुरिया से राज्य पुलिस की सीआइडी टीम ने छह लोगों को गिरफ्तार किया. इनसे पूछताछ के आधार पर मंगलवार को भी दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सत्यजीत सिन्हा, नजमा बीबी, बकुल बैद्य, उत्पला व्यापारी उर्फ पॉली, प्रभात सरकार, झंटू विश्वास, आमिरुल विश्वास और असादुर जमां के तौर पर हुई है. इन्हें मंगलवार को अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने आरोपियों को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह एक क्लिनिक से धंधे का संचालन कर रहा था. गिरोह के सदस्य खास तौर पर चिकित्सकीय जांच के लिए आने वाली बिनब्याही गर्भवती युवतियों को टारगेट करते थे. बिनब्याही माताओं के शिशुओं को गिरोह के सदस्य बेच देते थे. इसके अलावा बादुरिया के ही एक नर्सिंग होम में भरती होने वाली महिलाएं भी इनका शिकार बनती थीं. मांओं को मरा हुआ बच्चा पैदा होने की बात कह कर यह गिरोह नवजात बच्चों को एक से दो लाख में सौदा कर बेच देता था. लड़के की कीमत दो लाख होती थी. बच्ची को एक लाख में बेचे देते थे. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि तीन वर्षों से वह यह धंधा चला रहे थे.
सिर्फ कोलकाता ही नहीं, राज्य के बाहर भी बच्चे बेचे गये हैं. अब तक 30 से 50 बच्चों को बेचे जाने का मामला सामने आया है.
और गिरफ्तारियां होंगी.
मामले में सीआइडी के डीआइजी भरत लाल मीना ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में एनजीओ का अधिकारी, नर्सिंग होम के दो मालिक, एक आया और तीन डॉक्टर शामिल हैं. मामले में आरजीकर अस्पताल के कुछ रिटायर्ड डॉक्टरों की संलिप्तता सामने आयी है. उनकी तलाश की जा रही है. उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा. सोमवार रात को छापेमारी में बादुरिया स्थित नर्सिंग होम से तीन नवजात को बरामद किया गया था. इनमें एक बच्चे को उसकी मां को सौंप दिया गया. बाकी दो बच्चों को उनके परिवार से मिलाने की कोशिश जारी है. अब तक इस गिरोह से जिन परिवारों ने बच्चों को खरीदा है, उनकी भी तलाश हो रही है.