एशिया की सबसे बड़ी लौह मंडी में गहराया संकट
हावड़ा: एशिया के सबसे बड़ी लौह मंडी बजरंग बली मार्केट (ऑयरन स्टील मार्केट) में 500 व 1000 रुपये के नोट बंद होने के बाद व्यापक असर पड़ा है, नोटबंदी के बाद यहां व्यापार लगभग ठप हो गया है. व्यवसायियों की मानें तो नोटबंदी के कारण पिछले 10 दिनों में यहां करोड़ों का नुकसान हुआ है. […]
हावड़ा: एशिया के सबसे बड़ी लौह मंडी बजरंग बली मार्केट (ऑयरन स्टील मार्केट) में 500 व 1000 रुपये के नोट बंद होने के बाद व्यापक असर पड़ा है, नोटबंदी के बाद यहां व्यापार लगभग ठप हो गया है. व्यवसायियों की मानें तो नोटबंदी के कारण पिछले 10 दिनों में यहां करोड़ों का नुकसान हुआ है. व्यापारियों के लिए सबसे बड़ी समस्या श्रमिकों की मजदूरी व मालवाहक वाहनों का किराया देने में हो रही है. सिर्फ बजरंग बली मार्केट में श्रमिकों की संख्या करीब तीन हजार है. 90 फीसदी श्रमिक बिहार व उत्तर प्रदेश से हैं.
नोटबंदी के फैसले के बाद मजदूरी नहीं मिलने पर 75 फीसदी श्रमिक यहां से चले गये हैं. व्यवसायियों ने बताया कि अगर श्रमिक व मालवाहक गाड़ियां ही नहीं मिलेंगी, तो व्यवसाय कैसे होगा. नोटबंदी के बाद ग्राहकों का आना लगभग बंद है. बकाया पेमेंट रुकने से हम सभी की स्थिति बद से बदतर हो गयी है. यह स्थिति सिर्फ बजरंगबली लौह मार्केट की है. इसके अलावा आस-पास के इलाकों में जितने भी लौह मार्केट हैं, वहां भी हालात ऐसे ही बने हुए हैं.
कहां है बजरंगबली मार्केट
उत्तर हावड़ा के गिरीश घोष रोड में एशिया की सबसे बड़ी यह लौह मंडी 85 साल पुरानी है. बताया जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद ही इस मंडी की नींव रखी गयी थी. पूरी मंडी में फिलहाल 400 के आस-पास गोदाम हैं. मंडी 35 एकड़ जमीन पर फैली हुई है. इस मंडी में रोजाना लगभग दो करोड़ रुपये का टर्न ओवर है. नोटबंदी के बाद 90 फीसदी व्यापार ठप हो चुका है.