कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्य सचिवालय नबन्ना के पास स्थित टोल प्लाजा से सैन्य कर्मियों को देर रात हटा लिया गया जैसी मांग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की थी. सेना की तैनाती के बाद से ही यहां की राजनीति गरम थी. टीवी रिपोर्ट के अनुसार तृणमूल ने इसे तख्ता पलट की कोशिश तक करार दे दिया था. ममता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने इमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर दिए हैं.
इस मामले को तृणमूल सांसद आज दोनों सदन में उठायेंगे. पार्टी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हम सेना का सम्मान करते हैं लेकिन हमें बताया गया है कि जो डाटा उन्हें चाहिए , वह पहले से ही उपलब्ध है.उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रात से सचिवालय में ही हैं. मध्यरात्रि में मुझे दर्जनभर से ज्यादा जवानों के तैनात होने की रिपोर्ट मिली.
बीती रात मामले को लेकर ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर हमला किया और सोशल मीडिया परसेना हटाने की मांग की जिसके बाद सैन्यर्मियों को हटाया गया. सेना की तैनाती को लेकर राजनीति काफी देर तक गरम रही लेकिन बाद में देखा गया कि हुगली पुल के टोल प्लाजा पर तैनात सैन्यकर्मियों को वहां से हटाया गया. यहां से सैन्यकर्मियों के लिए बनाये गए एक अस्थायी शेड को भी हटा दिया गया है. ममता ने दावा किया कि बंगाल के कई इलाकों में सेना की तैनाती कि गई है जिसके संबंध में राज्य सरकार को नहीं बताया गया.
सैन्यकर्मियों को हटाने के बारे में सेना की ओर से कहा गया कि सभी पूर्वोतर राज्यों में भी सेना की यह अभ्यास किया गया. ममता के ट्वीट के बाद सेना ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल पुलिस की पूरी जानकारी और सहयोग के साथ नियमित अभ्यास में जुटी हुई है. यह अटकल गलत है कि सेना टोल प्लाजा का नियंत्रण ले रही है.हालांकि सेना की इस बात से ममता बनर्जी सहमत नहीं दिखीं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यद्यपि अभी भी नबन्ना में ही हैं जिन्होंने टोल प्लाजा से सैन्यकर्मियों के हटने तक कार्यालय छोडने से इनकार कर दिया था.
Until and unless the Army stationed in front of Nabanno, the Bengal state govt secretariat, is withdrawn 1/2
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 1, 2016
गुरुवार देर रात ममता बनर्जी ने एक के बाद एक ट्वीट कर कहा कि बंगाल राज्य सचिवालय के बाहर सेना तैनात कर दी गई है. पुलिस के विरोध के बावजूद अति सुरक्षित इलाके में सेना भेजना दुर्भाग्यपूर्ण कदम है. उन्होंने धमकी के लहजे में कहा कि जब तक सेना को टोल प्लाजा से नहीं हटाया जाता, वह सचिवालय में ही डेरा-डंडा जमाए रहेंगी.
उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह संघीय व्यवस्था पर हमला है. हम मुख्य सचिव केंद्र को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. इस मुद्दे को मैं राष्ट्रपति से समक्ष उठाऊंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना हमारी संपत्ति है. हमें उनपर गर्व होना चाहिए. हमें बड़ी आपदाओं और सांप्रदायिक तनाव के दौरान सेना की जरूरत होती है. ममता ने दावा किया कि टोल प्लाजा पर सेना तैनात होने के कारण लोगों में अफरा-तफरी है.
घर से बुला कर मुख्य सचिव के साथ सीएम ने की बैठक
टोल प्लाजा पर सेना तैनाती के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के मुख्य सचिव वासुदेव बंद्योपाध्याय के साथ बैठक की. श्री बंद्योपाध्याय शाम 8.10 बजे नवान्न से निकल गये थे. श्री बंद्योपाध्याय के नवान्न से निकल गये थे और अपने घर पहुंच गये थे, लेकिन सुश्री बनर्जी ने फिर से श्री बंद्योपाध्याय को तलब किया. वह घर से नवान्न पहुंचे और सुश्री बनर्जी ने उनके साथ बैठक की. बैठक में टोल प्लाजा पर सेना तैनाती से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई. सुश्री बनर्जी ने टोल प्लाजा पर सेना के जवान तैनात किये जाने पर कड़ी आपत्ति जतायी है.
चिंता की बात नहीं : सेना
इस बारे में पूछे जाने पर सेना की पूर्वी कमान के मुख्य जन संपर्क अधिकारी विंग कमांडर एसएस बिरदी ने कहा कि इसमें कोई चिंता व भय की बात नहीं है. यह सेना का वार्षिक अभ्यास है, जिसे देश भर में साल में दो बार किया जाता है. इसके द्वारा हम लोग समान से लदे वाहनों के बारे में सांख्यिकीय डाटा एकत्रित करते हैं, जो आपात स्थिति में सेना के काम आता है. इस अभ्यास के दौरान हम लोग देखते हैं कि एक इलाके से कितनी गाड़ियां गुजरती हैं, उनका वजन क्या है आैर वह किस रफ्तार से चलती है. विंग कमांडर बिरदी ने कहा कि इसमें चिंता, भय व खतरे की कोई बात नहीं है. सब कुछ सरकार के निर्देशानुसार किया जा रहा है.
आपात लैंडिंग पर संसद में भी जम कर हंगामा
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही पटना से कोलकाता लौटते समय मुख्यमंत्री के जहाज की आपात लैंडिंग करवानी पड़ी थी. उनका विमान आधे घंटे तक विमान में चक्कर लगाता रहा था. तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जहाज में तेल कम होने के बावजूद उसे लैंड करने की इजाजत देर से दी गयी. इस मुद्दे पर संसद में भी जम कर हंगामा हुआ है.