प्रस्ताव पर बहस का किया बहिष्कार

कोलकाता. नोटबंदी के प्रस्ताव पर हुई बहस में कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ विधायक डॉ मानस रंजन भुईंया को वक्ता के रूप में कांग्रेस के सदस्य रूप में शामिल करने से कांग्रेस खफा हो गयी. पार्टी ने बहस का बहिष्कार किया और विधानसभा परिसर में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2016 2:53 AM
कोलकाता. नोटबंदी के प्रस्ताव पर हुई बहस में कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ विधायक डॉ मानस रंजन भुईंया को वक्ता के रूप में कांग्रेस के सदस्य रूप में शामिल करने से कांग्रेस खफा हो गयी. पार्टी ने बहस का बहिष्कार किया और विधानसभा परिसर में स्थित अंबेडकर की मूर्ति के समक्ष धरना दिया.

भोजनावकाश के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई. संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी ने नोटबंदी को रद्द करने की मांग को लेकर विधानसभा में नियम 169 के तहत प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव में वक्ता के रूप में डॉ भुईंया का नाम शामिल किया गया था. इस पर कांग्रेस विधायक दल के नेता अब्दुल मन्नान ने आपत्ति जतायी. इस पर विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा कि वक्ता के रूप में किस व्यक्ति का नाम शामिल किया जायेगा. यह अध्यक्ष का अधिकार क्षेत्र है. इस पर क्षुब्ध होकर कांग्रेस विधायक विधानसभा की कार्यवाही से बहिष्कार कर गये.

श्री मन्नान ने कहा कि कांग्रेस की ओर से कौन वक्तव्य रखेगा. यह तय करने का काम कांग्रेस विधायक दल के नेता को होता है. सरकारी दल यह निश्चित नहीं कर सकता है. डॉ भुईंया कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये हैं. यदि उनका नाम शामिल करना था, तो तृणमूल विधायक रूप में वक्ता के तौर पर शामिल करते. यह परंपरा के खिलाफ है. इसकी वह कड़े शब्दों में निंदा करते हैं.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कांग्रेस विधायकों की सीट भी बिना उनकी सहमति के बदल दी गयी है. विधानसभा अध्यक्ष केवल पार्टी विधायकों के लिए ब्लॉक आवंटित करते हैं, लेकिन सीट का आवंटन विधायक दल के नेता द्वारा किया जाता है. उन्होंने कहा कि यह मर्यादा और परंपरा के खिलाफ है. उन लोगों ने सुबह से सरकार के साथ सहयोग किया था, लेकिन सरकार का रवैया ठीक नहीं है. कांग्रेस की ओर से विधानसभा का बहिष्कार किये जाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है. कांग्रेस विधायक दल के इस व्यवहार से भाजपा को मदद मिलेगी. श्री मन्नान ने कहा कि कौन भाजपा के साथ समझौता किया था. यह सभी को मालूम है और उन्हें मुख्यमंत्री से नहीं सीखना है.

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