अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस जमा देने के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में विधानसभा में विरोधी दल के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि राज्य में लोकतंत्र संकट में है. जनतांत्रिक व्यवस्था ध्वस्त हो रही है. विधायकों को मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित प्रशासनिक बैठक में नहीं बुलाया जाता है. विरोधी दल के साथ भेदभावपूर्ण आचरण किया जाता है. सरकार जनविरोधी काम कर रही है. इस कारण ही तृणमूल कांग्रेस की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय किया गया है.
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वाममोरचा-कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ लाया अविश्वास प्रस्ताव
कोलकाता. राज्य सरकार के खिलाफ कांग्रेस व वाममोरचा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रस्ताव जमा दिया. मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी को विरोधी दल के नेताओं ने सौंपी. अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर कांग्रेस व वाममोरचा विधायकों के संयुक्त हस्ताक्षर हैं. अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस जमा देने के बाद […]
कोलकाता. राज्य सरकार के खिलाफ कांग्रेस व वाममोरचा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रस्ताव जमा दिया. मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी को विरोधी दल के नेताओं ने सौंपी. अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर कांग्रेस व वाममोरचा विधायकों के संयुक्त हस्ताक्षर हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने की बात कह रही हैं, लेकिन इन सरकारी अस्पतालों में रोगियों को कोई सेवा नहीं मिल रही है. नेता और मंत्री सरकारी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में चिकित्सा के लिए नहीं जा रहे हैं, वरन बड़े-बड़े निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए जा रहे हैं.
दूसरी ओर, वाममोरचा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य में सभी जगह दखल और आंख दिखाने की राजनीति चल ही है. सरकार की ओर से जबरदस्ती की जा रही है. विरोधी दल के विधायकों को भय दिखा कर सरकारी पक्ष में शामिल करवाया जा रहा है. सत्तारूढ़ दल जिन इलाके में पराजित हो गया था. वहां पुनर्निवाचन होने पर रिकार्ड वोट से जीत रहे हैं.
उन्होंने सवाल किया कि छह माह के अंतर में इतने वोट कैसे बढ़ गये. क्षमता के बल पर वोट बढ़ाये जा रहे हैं. विधानसभा के नियम के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव का पाठ करेंगे. उस समय विरोधी दल के 30 विधायकों को उपस्थित रहना होगा. इस बाबत विरोधी दल की ओर से ह्विप जारी किया गया है.
प्रस्ताव के पक्ष में 30 विधायकों के समर्थन के बाद ही प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है. उसके बाद विचार-विमर्श के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का दिन निश्चित किया जायेगा.
वहीं, कांग्रेस से तृणमूल में शामिल हुए कांग्रेस के विधायक डॉ मानस रंजन भुईंया ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र देकर सूचित किया है कि वह बुधवार को विधानसभा से अनुपस्थित रहेंगे. इस बाबत संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार विकासमूलक कार्य कर रही है. उस समय पर विरोधी दल ने बंद बुलाया और बंद पूरी तरह से फ्लॉप रहा है. वामपंथी दलों को मुंह की खानी पड़ी थी.
दूसरी ओर, अब एक पार्टी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रही है. उन्होंने सवाल किया कि क्या उनका अपनी पार्टी के विधायकों के प्रति विश्वास है. उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस छोड़ कर जा रहे हैं. वे सब मिल कर इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लायेंगे.
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