कोलकाता. उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में रहनेवाले डॉ सुकांत घोष की हत्या का मामला अब तक सुलझ नहीं पाया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट ने एक बार फिर मामले की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंपा है. गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश समाप्ति चटर्जी ने कहा कि डॉ सुकांत घोष की नृशंस रूप से हत्या की गयी थी और यह आश्चर्य की बात है कि अब तक मामले के मुख्य आरोपी को पुलिस व सीबीआइ पकड़ नहीं पायी है.
उन्होंने सीबीआइ के संयुक्त निदेशक को मामले की जांच के लिए अलग एसआइटी गठन करने का आदेश दिया है और पूरे मामले की जांच हाइकोर्ट के अधीन होगी. साथ ही हाइकोर्ट में मामले की सुनवाई पूरी होने तक निचली अदालत में मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी है.
क्या है मामला : सात जुलाई 2007 को बैरकपुर के रहनेवाले डॉ सुकांत घोष के घर पर फोन आया था, फोन आने के बाद वह घर के निकले गये. एक दिन बाद लहुलूहान स्थिति में उनका शव बैरकपुर के लाट बागान से बरामद हुआ. मामले की जांच के दौरान पुलिस को 19 जुलाई 2007 को एक सोने की दुकान से उनकी अंगूठी व अन्य आभूषण बरामद हुए. पुलिस ने इस मामले में प्रणय साव नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, लेकिन इसके बाद पुलिस को मामले में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली. इसके बाद हाइकोर्ट के न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने 2009 में मामले की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंपा था. लेकिन सीबीआइ को भी कोई खास सफलता नहीं मिली. सीबीआइ ने इस मामले में चार्जशीट जमा किया, लेकिन सभी आरोपियों को पकड़ पाने में सफल नहीं रही. इसके बाद डॉ सुकांत घोष के भाई अमित घोष ने एक बार फिर हाइकोर्ट का रुख किया है. मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी 2017 को होगी.