इसका मतलब है कि पोल खुल चुकी है. नकदीरहित प्रणाली अब निरर्थक बन चुकी है. इससे एक दिन पहले ही तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस्तीफा मांगा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि नोटबंदी देश को ‘आर्थिक तबाही’ के रास्ते पर ले जा रही है और इसलिए पद पर बने रहने का उन्हें ‘कोई नैतिक अधिकार’ नहीं है.
ममता ने आरोप लगाया कि देश की प्रगति और कारोबार पर नोटबंदी का बुरा असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसी पर भी ‘विश्वास’ नहीं करते हैं और यह भी नहीं समझते हैं कि देश के लिए ‘क्या अच्छा है.”