नकदी की किल्लत से मरे दो लोगों के परिजनों को मिलेगी नौकरी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार उन दो लोगों के रिश्तेदारों को नौकरी देगी, जिनकी नोटबंदी के बाद कथित तौर पर नकदी की किल्लत की वजह से मौत हो गई. विधानसभा में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कालना में एक मृत व्यक्ति के […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार उन दो लोगों के रिश्तेदारों को नौकरी देगी, जिनकी नोटबंदी के बाद कथित तौर पर नकदी की किल्लत की वजह से मौत हो गई. विधानसभा में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कालना में एक मृत व्यक्ति के पुत्र को पंचायत विभाग में नौकरी मिलेगी जबकि बेहाला में मरने वाले एक अन्य व्यक्ति के परिवार के सदस्य को भी नौकरी दी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 92 फीसदी गांवों में कोई बैंक नहीं है और वे (मोदी) मोबाइल और डिजिटल बातों पर व्याख्यान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों ने हर जगह काम करना बंद कर दिया है. उन्होंने दो बार पत्र लिखने के बावजूद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत धन नहीं देने के लिए केंद्र की आलोचना की.
किसानों के बकाये का भुगतान नहीं करने वाले किसानों को बिचौलियों और एजेंसियों से राहत देने के लिए उन्होंने कहा कि सरकार ने अब फैसला किया है कि इस तरह के बकाये के भुगतान के लिए समय-सीमा निर्धारित की जाये. नए जिलों के निर्माण पर सुश्री बनर्जी ने कहा कि पहले चरण में आसनसोल, झाड़ग्राम और कालिंपोंग का निर्माण किया जायेगा, जबकि अगले चरण में सुंदरवन जैसे नये जिले बनाये जायेंगे. गौरतलब है कि नोटबंदी के कारण बर्दवान के कालना में शिवू मांडी नामक कृषक ने आत्महत्या कर ली थी, जबकि बेहला के रहनेवाले कल्लोल रायचौधरी की एटीएम लाइन में खड़े रहने के दौरान मृत्यु हुई थी.