पर्याप्त उपस्थिति नहीं होने पर छात्रों के खिलाफ कार्रवाई

कलकत्ता यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अनुपस्थित रहनेवाले 125 छात्रों पर नकेल कसी कोलकाता : कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने कक्षाओं में उपस्थिति पर्याप्त नहीं होने के कारण पीजी स्तर के लगभग 125 छात्रों की सूची तैयार की है. इससे पहले एक सूचना जारी कर सभी छात्रों को नियमित कक्षाओं में आने के लिए हिदायत दी थी. इसके अलावा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2016 6:15 AM
कलकत्ता यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अनुपस्थित रहनेवाले 125 छात्रों पर नकेल कसी
कोलकाता : कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने कक्षाओं में उपस्थिति पर्याप्त नहीं होने के कारण पीजी स्तर के लगभग 125 छात्रों की सूची तैयार की है. इससे पहले एक सूचना जारी कर सभी छात्रों को नियमित कक्षाओं में आने के लिए हिदायत दी थी. इसके अलावा दाखिला लेते समय भी छात्रों को न्यूनतम 80 प्रतिशत उपस्थिति बनाये रखने की सूचना उनके प्रोस्पेक्टस में ही दी जाती है. इसके बाद भी लापरवाही बरतनेवाले छात्रों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की मुहिम शुरू कर दी है.
कक्षा से गायब रहनेवाले छात्रों पर नकेल कसने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह कदम उठाया है. जिन छात्रों के नाम चिन्हित किये गये हैं, वे कॉमर्स व आर्ट्स के हैं. आर्ट्स व कॉमर्स के विभागीय सूत्रों ने जानकारी दी है कि कॉमर्स से 75 छात्रों को व आर्ट्स से 50 छात्रों को चिन्हित किया गया है. इन छात्रों को फिलहाल परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं है. उपस्थिति के मामले में कोई अनियमितता बरदाश्त नहीं की जायेगी. चेतावनी के बाद भी नियम का उल्लंघन करनेवाले छात्रों के विरुद्ध कार्रवाई की गयी है.
कलकत्ता यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ आशुतोष घोष ने बताया कि एडमिशन ब्रोशियर में साफ ताैर पर यह लिखा है कि कोई भी छात्र अगर कोर्स में एडमिशन लेने के बाद दो महीने में लगातार 15 या 30 दिन तक अनुपस्थित रहता है, तो उसका नाम स्वतः हटा दिया जायेगा.
यह नियम केवल एमएससी छात्रों पर ही नहीं, बल्कि कॉमर्स व ह्यूमनिटीज छात्रों पर भी लागू किया गया है. कोई भी छात्र इस गलतफहमी में न रहे कि वह संस्थान में रह कर नियमों का उल्लंघन कर सकता है. कलकत्ता यूनिवर्सिटी के अधिकारी का कहना है कि कॉमर्स के कुछ छात्र निजी संस्थान में चार्टर्ड अकाउंटेंसी के प्रोग्राम व मैनेजमेंट कोर्स में दाखिला लेने के तुरंत बाद कक्षाओं से गायब होने लगते हैं. सेमेस्टर के अंत तक वे कक्षाओं में अनियमित रहते हैं. ऐसे में उनको परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
कुछ छात्र इसको लेकर अलग-अलग बहाना बनाते हैं. जिनकी चालाकी नहीं चलती है, वे यूनियन नेताओं से नाम जुड़वाने की गुहार करते हैं. कुछ नेता यूनिवर्सिटी प्रशासन पर उन्हें वापस लेने का दबाव डालते हैं, लेकिन ऐसा करने से दूसरे छात्र भी अनुशासनहीनता करेंगे.
वाइस चांसलर डॉ आशुतोष द्वारा जुलाई में पदभार संभालने के बाद कक्षाएं भंग करनेवाले छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने सभी विभागों के अध्यक्ष को छात्रों की उपस्थिति पर निगरानी रखने के लिए कहा है. विभागों से डाटा लेने के बाद उन छात्रों की एक सूची बनायी गयी, जो लापरवाही बरत रहे हैं.

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