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धूलागढ़ हिंसा: भाजपा प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने जाने से रोका

हावड़ा: भाजपा के एक प्रतिनिधदल को शनिवार को धूलागढ़ के हिंसा प्रभावित क्षेत्र में जाने से रोक दिया गया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में सांसद जगदंबिका पाल व मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सतपाल सिंह की यह टीम दोपहर 12.45 बजे धूलागढ़ पहुंची लेकिन वहां बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस फोर्स […]

हावड़ा: भाजपा के एक प्रतिनिधदल को शनिवार को धूलागढ़ के हिंसा प्रभावित क्षेत्र में जाने से रोक दिया गया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में सांसद जगदंबिका पाल व मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सतपाल सिंह की यह टीम दोपहर 12.45 बजे धूलागढ़ पहुंची लेकिन वहां बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस फोर्स ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया. ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार भी मौके पर मौजूद थे. पुलिस ने धारा 144 लागू होने की बात कहकर प्रतिनिधिदल को आगे जाने की इजाजत नहीं दी.भाजपा व शिवसेना का प्रदर्शन : प्रभावित क्षेत्रों में जाने की इजाजत न मिलने से नाराज प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, पार्टी नेता राहुल सिन्हा समेत भाजपा कार्यकर्ता धूलागढ़ में बीच सड़क पर बैठकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. प्रदर्शन में शिवसेना के भी कार्यकर्ता हाथों में झंडा लेकर धरने पर बैठ गये. भाजपा नेता प्रभावित इलाकों में जाने की मांग कर रहे थे.

करीब 40 मिनट तक पुलिस के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन करने के बाद गुस्साये भाजपा के कई नेता वहां से निकले व हजारों समर्थकों के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पथावरोध शुरू कर दिया. एक घंटे तक राजमार्ग रहा बंद:दिन में एक बजकर 40 मिनट पर संकराइल के टोल प्लाजा के पास अवरोध शुरू हुआ. भाजपा व शिवसेना कार्यकर्ता सड़क के दोनों लेन पर बैठ गये. आधे घंटे के बाद यहां बड़ी संख्या में पुलिस पहुंची व अवरोध हटाने को कहा. राजमार्ग पर तीन किलोमीटर तक वाहनों की कतार लग गयी. पुलिस अधिकारियों ने प्रदेश भाजपा नेताओं से अवरोध हटाने का आग्रह किया लेकिन भाजपा नेता प्रदर्शन पर डटे रहे. इस बीच, पुलिस व भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच मामूली धक्का-मुक्की भी हुई. अपराह्न 2.45 बजे मौके पर प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पहुंचे व भाजपा कार्यकर्ताओं से अवरोध हटाने को कहा. इसके बाद भाजपा प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलने के लिए कोलकाता रवाना हो गया.

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था जैसी कोई चीज नहीं रह गयी है. सरकार एक खास समुदाय के प्रति तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. सरकार ने धूलागढ़ में हिंसा के सिलसिले में 65 लोगों को गिरफ्तार करने पर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सब्यसाची रमन मिश्रा का तबादला कर दिया. इस स्थान पर एक समुदाय के लोगों के मकानों एवं संपत्ति पर दूसरे समुदाय के लोगों ने हमला किया. धार्मिक जुलूस के लिए रूट तय किया गया था, बावजूद इसके दूसरे रूट से जुलूस निकाला गया. पूरी घटना को एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया है. पुलिस ने उपद्रवियों को नहीं रोका लेकिन हम सांसदों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में तैनात हो गयी. बंगाल में सरकार निष्पक्ष नहीं है.

पार्टी सांसद और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुुक्त सतपाल सिंह ने कहा कि धूलागढ़ में पुलिस स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही. यही कारण रहा कि एक समुदाय के सैकड़ों मकानों में आगजनी व तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया. मुख्यमंत्री अपना वोट बैंक बढ़ाने व एक समुदाय को खुश करने के लिए गंदी राजनीति कर रही हैं. पांच घंटों तक तांडव चलता रहा, तब तक पुलिस कहां थी. हम इस मामले के खिलाफ न ही सिर्फ संसद में बल्कि पूरे देश में आवाज उठायेंगे. यह पश्चिम बंगाल नहीं रहा. ममता बनर्जी इस राज्य को बांग्लादेश बनाना चाह रही हैं. शराब पीकर मारे जाने पर दो लाख का मुआवजा आैर दंगा पीड़ितों को 35 हजार का मुआवजा दिया गया है. यह शर्मनाक है.

प्रदर्शन में शामिल हुए: प्रदर्शन में अभिनेता जय बनर्जी, उमेश राय, ओम प्रकाश सिंह, पिकलु दास, विनय अग्रवाल, राम विनय शर्मा, रमेश राय, सुधीर सिंह, सुरेंद्र जैन, बबीता जैन, आनंद राय, ध्रुव अग्रहरि, सुभाष झा, अविनाश प्रताप सिंह, निलेश अग्रवाल, अवधेश साव सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे.

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