अटल जी को किस बात का कभी मोह नहीं रहा, बताया पं. बंगाल के राज्यपाल ने

कोलकाता : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सत्ता से कभी मोह नहीं रहा. उन्होंने कभी भी सत्ता के लिए राजनीति नहीं की. उन्होंने देश और समाज के लिए राजनीति की. राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने रविवार को अटल जी से जुड़े संस्मरण बयां किये. वह पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वायपेयी व पं. मदनमोहन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2016 8:12 AM
कोलकाता : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सत्ता से कभी मोह नहीं रहा. उन्होंने कभी भी सत्ता के लिए राजनीति नहीं की. उन्होंने देश और समाज के लिए राजनीति की. राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने रविवार को अटल जी से जुड़े संस्मरण बयां किये. वह पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वायपेयी व पं. मदनमोहन मालवीय के जन्मदिन पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे उन्होंने कहा कि अटल जी ऐसे व्यक्तित्व हैं, जिन्हें विरोधी दल के लोग भी सम्मान करते हैं. राज्यपाल ने अटल जी के जल्द स्वस्थ होने की कामना की.
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वायपेयी एवं पं. मदनमोहन मालवीय दो ऐसे नाम हैं, जिन्हें देश के नागरिक सदैव याद करेंगे. ये दोनों एक भारत के सपूत हैं. मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी इन दोनों विभूतियों के योगदान पर प्रकाश डाला. डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सेवा समिति (बीबीडी बाग) की ओर से एनएस रोड में इस जन्मोत्सव का आयोजन किया गया. प्रतिभा सिंह ने भोजपुरी में सरस्वती वंदना की.
इस अवसर पर डॉ प्रेम शंकर त्रिपाठी मुख्य वक्ता थे. मौके पर भाजपा नेता चंद्र कुमार बोस, समाजसेवी लक्ष्मीकांत तिवारी, जय प्रकाश सिंह, सरदारमल कांकड़िया, आयोजक संस्था के अध्यक्ष शार्दुल सिंह जैन, महासचिव हरिकेश (गुड्डन) सिंह, अजय सिंह सहित कई गणमान्य लोग मंचासीन थे. शंकर बक्श सिंह ने मंच का संचालन किया. मौके पर मोहन पारिक, अरूण मल्लावत, प्रकाश किल्ला, चंद्रिका बक्श सिंह, आरपी सिंह, अरूण सिंह, प्रभुनाथ सिंह सहित कई अन्य मौजूद थे.
गुड्डन सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर समाज के जरूरतमंद लोगों की आंखों का नि:शुल्क परीक्षण, कंबल वितरण तथा विद्यार्थियों में पुस्तक व फीस वितरण किया गया. कार्यक्रम की सफलता में बाबू भाई जानी, सीटू सिंह, विपुल सिंह, गणेश सिंह, रामजी सिंह, रामा चौधरी, विभव उपाध्याय, विलास सिंह, विनय मिश्रा, महेश महारानाजी, नंदकिशोर सिंह, रतन सिंह, दिलीप शर्मा सहित समिति के सभी सदस्यों का सक्रिय योगदान रहा.

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