प्रदीप ने किया तृणमूल संग गंठबंधन का समर्थन
कोलकाता: दो दिन पहले ही विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने स्पष्ट शब्दों में यह घोषणा की थी कि अब ममता बनर्जी के साथ दोस्ती नहीं होगी. कांग्रेस पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का विरोध जारी रखेगी. हाइकमान क्या करता है, यह वह जाने, पर प्रदेश कांग्रेस शासक दल से दूरी बनाये रखेगा. […]
कोलकाता: दो दिन पहले ही विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने स्पष्ट शब्दों में यह घोषणा की थी कि अब ममता बनर्जी के साथ दोस्ती नहीं होगी. कांग्रेस पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का विरोध जारी रखेगी. हाइकमान क्या करता है, यह वह जाने, पर प्रदेश कांग्रेस शासक दल से दूरी बनाये रखेगा. लेकिन गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के विपरीत सुर में गला मिलाते हुए नजर आये.
प्रदेश कांग्रेस के इस पूर्व भट्टाचार्य ने कहा कि हम लोग राष्ट्रीय पार्टी हैं. इसलिए जो भी फैसला लेना होगा, वह हाइकमान लेगा. हम लोगों को उस फैसले को मान कर चलना उचित है. राज्य में फिर से कांग्रेस आैर तृणमूल कांग्रेस के बीच गंठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर श्री भट्टाचार्य ने स्पष्ट रूप से कुछ भी कहने से बचते रहे.
उन्होंने कहा कि देश हित में संयुक्त आंदोलन करनेे के बारे में विचार-विमर्श हुआ है. इसका गंठबंधन से कोई लेना-देना नहीं है. कुछ दिनों में कांग्रेस की सर्वोच्च संस्था एआइसीसी का एक प्रतिनिधि दल पश्चिम बंगाल के दौरे पर आ रहा है. एआइसीसी का दल प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श करेगा. वहीं यह तय होगा कि किस रास्ते पर आैर किस तरीके से आंंदोलन किया जाये.
उसी बैठक में यह फैसला लिया जायेगा कि राज्य में तृणमूल का विरोध जारी रहेगा या नहीं. नोटबंदी के मुद्दे पर मंगलवार को नयी दिल्ली में कांग्रेस द्वारा बुलायी गयी बैठक में ममता बनर्जी न केवल शामिल हुईं, बल्कि उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी व अन्य विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया. इसके बाद से ही यह सवाल उठने लगा है कि क्या पश्चिम बंगाल में फिर से कांग्रेस आैर तृणमूल कांग्रेस के बीच गंठबंधन होनेवाला है.