अब केंद्र में बड़ी भूमिका निभाना चाहती है तृणमूल : मुकुल
कोलकाता : नोटबंदी पर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के हमले का एक तरह से नेतृत्व कर रही तृणमूल कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि इसका उद्देश्य 2019 में केंद्र में सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाना है. पार्टी ने कहा कि चिटफंड घोटाला मामले में इसके नेताओं पर शिकंजा कसकर बदले की राजनीति […]
कोलकाता : नोटबंदी पर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के हमले का एक तरह से नेतृत्व कर रही तृणमूल कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि इसका उद्देश्य 2019 में केंद्र में सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाना है. पार्टी ने कहा कि चिटफंड घोटाला मामले में इसके नेताओं पर शिकंजा कसकर बदले की राजनीति किये जाने के बावजूद वह नहीं रुकेगी. तृणमूल कांग्रेस के 19वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए पार्टी के उपाध्यक्ष मुकुल राय ने कहा कि पार्टी आगामी आम चुनावों में विपक्ष को एकजुट करने के लिए काम करेगी.
श्री राय ने कहा कि हमारी पार्टी और हमारी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने नोटबंदी की जनविरोधी पहल का विरोध किया था, इसलिए आगामी दिनों में बदले की भावनावाली राजनीति तेज होगी. लेकिन इससे तृणमूल कांग्रेस जन विरोधी नीतियों का विरोध करना नहीं छोड़ेगी. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि आगामी दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने तक हम नहीं रुकेंगे. वर्ष 2019 में विपक्षी दलों को एकजुट कर तृणमूल कांग्रेस सरकार गठन में बड़ी भूमिका निभायेगी. रोजवैली चिटफंड घोटाले में कथित भूमिका के लिए तृणमूल कांग्रेस के सासंद तापस पाल को सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद उनका यह बयान सामने आया है. सीबीआइ ने पोंजी कंपनी पर निवेशकों से 17 हजार करोड़ रुपये ठगने का आरोप लगाया है, जिसमें से 450 करोड़ रुपये सिर्फ ओड़िशा से हैं. कंपनी ओड़िशा में भी सक्रिय थी और राज्य में इसकी 28 शाखाएं थीं.
तापस पाल की गिरफ्तारी के बाद बेहद नाराज तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा था कि वह हमारे सभी सांसदों को गिरफ्तार कर सकते हैं, मुझे परवाह नहीं है. यह बदले की राजनीति है. हम अपना विरोध जारी रखेंगे. केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय को भी तलब किया है. पार्टी नेता मदन मित्रा को सितंबर में विशेष अदालत ने जमानत दे दी थी. सारधा चिटफंड घोटाला मामले में कथित संलिप्तता के लिए 21 महीने तक जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली थी.
तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष भी कई करोड़ रुपये के सारधा चिटफंड घोटाला मामले में जमानत पर हैं. कुणाल घोष को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सितंबर 2013 में तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था. शुरु से ही नोटबंदी का विरोध करनेवाली तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में प्रदर्शनों का नेतृत्व किया है और लखनऊ तथा पटना में जनसभाएं की हैं.