तालाबों की खुदाई में केंद्र नहीं कर रहा मदद: सुब्रत

केंद्र सरकार की उदासीनता से 100 दिन रोजगार योजना हो रही है प्रभावित कोलकाता : मछली उत्पादन में पश्चिम बंगाल को नंबर वन बनाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर मत्स्य पालन विभाग प्रत्येक जलाशय की सफाई कर रहा है. लेकिन इस काम में कुछ अड़चन आ रही है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2017 3:28 AM

केंद्र सरकार की उदासीनता से 100 दिन रोजगार योजना हो रही है प्रभावित

कोलकाता : मछली उत्पादन में पश्चिम बंगाल को नंबर वन बनाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर मत्स्य पालन विभाग प्रत्येक जलाशय की सफाई कर रहा है. लेकिन इस काम में कुछ अड़चन आ रही है. मछली उत्पादन के लिए हम कम गहराई वाला तालाब खोदना चाह रहे हैं. लेकिन इस काम में केंद्र सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है. यह कहना है राज्य के पंचायत व पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग के मंत्री सुब्रत मुखर्जी का.
वह सॉल्टलेक के नलबन में इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं पश्चिम बंगाल सरकार के संयुक्त तत्ववाधान में शुक्रवार को आयोजित बंगाल फिश फेस्ट 2017 के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि कम गहराई वाला तालाब बनाने के लिए तीन बार मिट्टी की कटाई करनी पड़ती है. तीसरी बार की खुदाई में केंद्र से मदद नहीं मिलती है. इससे 100 दिन रोजगार योजना भी प्रभावित हो रही है.
हिलसा के लिए बांग्लादेश पर नहीं रहना होगा निर्भर
मंत्री ने बताया कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में आंध्र प्रदेश प्रथम और पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर हैं. बंगाल सरकार ने राज्य में हिलसा उत्पादन के लिए रिसर्च सेंटर चालू किया हैं. अगले कुछ वर्ष में हम हिलसा मछली का भी उत्पादन कर सकेंगे. तब हमें इसके लिए बांग्लादेश पर निर्भर नहीं रहना होगा. मत्स्य पालन मं‍त्री चंद्रनाथ सिन्हा ने कहा कि मछली उत्पादन के लिए हमें जलाशयों की सफाई करा रहे हैं. मौके पर राज्य के उपभोक्ता मामलों के मंत्री साधन पांडेय, विधाननगर के मेयर सब्यसाची दत्ता, विधायक सुजीत बोस, मंत्री इंद्रनील सेन आदि मौजूद थे.

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