खर्च 60 हजार, मिल रहे चार हजार

कोलकाता: केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के तहत देशभर में सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय बनाये जा रहे हैं. इस योजना के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकारों को मदद देती है. लेकिन कोलकाता नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य (पर्यावरण, बस्ती) सपन समतदार ने केंद्र सरकार पर स्वच्छ भारत अभियान का गलत प्रचार करने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2017 2:11 AM
कोलकाता: केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के तहत देशभर में सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय बनाये जा रहे हैं. इस योजना के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकारों को मदद देती है. लेकिन कोलकाता नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य (पर्यावरण, बस्ती) सपन समतदार ने केंद्र सरकार पर स्वच्छ भारत अभियान का गलत प्रचार करने का आरोप लगाया है.

उन्होंने बताया कि कोलकाता की बस्तियों में शौचालय बनाने के लिए केंद्र सरकार मात्र चार हजार रुपये देने की बात कह रही है. इतनी कम राशि में शौचालय बनवाना संभव नहीं है. निगम ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह निर्माण खर्च का 50 फीसदी प्रदान करे.

महानगर में हर वर्ष बनते हैं सात हजार शौचालय
निगम से मिली जानकारी के अनुसार महानगर में हर वर्ष छह से सात हजार शौचालय बनाये जाते हैं. बस्ती विभाग के अनुसार एक शौचालय के निर्माण पर 50 से 60 हजार रुपये की लागत आती है. निगम द्वारा बनवाये जाने वाले शौचालय में टाइल्स भी लगाया जाता है, ताकि वह साफ-सुथरा दिखे. बस्ती विभाग के मेयर परिषद सदस्य का दावा है कि केंद्र की मदद के बिना ही महानगर के विभिन्न इलाकों में शौचालय बनाये जा रहे हैं.
शौचालय के लिए फंड बढ़ाने के बाबत गत वर्ष केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा गया था. लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला. चार हजार रुपये में शौचालय बनवाना संभव नहीं है. इसलिए हमने उक्त राशि लेने से इनकार कर दिया है. बिना केंद्र सरकार की मदद से ही महानगर में शौचालय बनाये जा रहे है. महानगर में एक भी ऐसी बस्ती नहीं है, जहां सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय ना हो.
सपन समतदार, मेयर परिषद सदस्य, कोलकाता नगर निगम

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