तृणमूल के विरोध के औचित्य पर उठ रहे सवाल
कोलकाता. नोटबंदी को दो महीने हो गये. अब स्थिति सामान्य होने लगी है. इसके बावजूद तृणमूल का प्रदर्शन और भी आक्रामक हो जा रहा है. महानगर के विभिन्न एटीएम में नोट भरे हुए हैं, लेेकिन निकासी करनेवाले नदारद हैं. इसके बावजूद नोटबंदी के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार से देशभर में तीन दिवसीय आंदोलन ‘मोदी […]
कोलकाता. नोटबंदी को दो महीने हो गये. अब स्थिति सामान्य होने लगी है. इसके बावजूद तृणमूल का प्रदर्शन और भी आक्रामक हो जा रहा है. महानगर के विभिन्न एटीएम में नोट भरे हुए हैं, लेेकिन निकासी करनेवाले नदारद हैं. इसके बावजूद नोटबंदी के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार से देशभर में तीन दिवसीय आंदोलन ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’ अभियान की घोषणा की.
इसके तहत जगह जगह तृणमूल कांग्रेस की ओर से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. महानगर स्थित आरबीआइ के सामने भी प्रदर्शन जारी है. यहां आरबीआइ गेट के सामने मंच बना कर तृणमूल कांग्रेस के सैकड़ों समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं. इस तरह प्रदर्शन किये जाने को लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. लोगों में चर्चा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में काफी संवेदनशील कार्यालय होते हैं, इसके आसपास धारा 144 लगी रहती है. यहां अमूमन पांच से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर पुलिस कार्रवाई कर सकती है. ऐसे में आरबीआइ के दरवाजे के सामने जमीन खोद कर ऐसे मंच बनाना, वहां से हावड़ा की ओर जाने वाली सड़क पर तीन दिनों तक जाम लगा कर तृणमूल काग्रेस जनता को क्या समझाना चाहती है. वह भी ऐसे वक्त में जब नोटबंदी को लेकर स्थिति सामान्य हो गयी है. एटीएम के बाहर कोई लाइन नहीं, बैंकों में कार्य सामान्य हो गये हैं.
भले ही नोटबंदी के बाद महानगर में कुछ दिनों तक एटीएम केंद्रों पर लोगों की लंबी कतार लग रही थी, लेकिन स्थिति अब पहले से काफी सुधर गयी है. बैंकों में कामकाज पूरी तरह से सामान्य हो गया है. लोगों को बैंकों से आसानी से रुपये मिल रहे हैं. एटीएम केंद्र के बाहर लाइन भी कम हो गयी है. कई एटीएम केंद्र तो एकदम खाली दिख रहे हैं.
तृणमूल समर्थकों ने कोलकाता में भारतीय रिजर्व बैंक, सीबीआइ कार्यालय के सामने और जिलों में कई जगह प्रदर्शन किये. इसके साथ ही किशनगंज (बिहार), भुवनेश्वर, पंजाब, असम, त्रिपुरा, झारखंड, दिल्ली और मणिपुर में धरना दिया जायेगा.