ओला, उबेर चलाती नजर आयेंगी महिलाएं : शशि पांजा
कोलकाता: चाहे कामकाजी महिला हो या सामान्य गृहिणी, हर नारी को प्रशिक्षण के जरिये सशक्त किया जा सकता है. इसके लिए राज्य सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है. इसमें कम पढ़ी-लिखी लड़कियों को ड्राइविंग की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. सुरक्षा की दृष्टि से महिला ड्राइवरों को कामकाजी महिलाएं ज्यादा प्राथमिकता देंगी. इसके […]
इसमें महिला कैदियों को भी डांस थेरेपी व अन्य वोकेशनल प्रशिक्षण के जरिये सशक्त बनाया जा रहा है. महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अनुप्रेरणा से कई योजनाएं शुरू की गयी हैं. इसमें मुक्तिर आलो भी एक मुख्य योजना है. कार्यक्रम में आइपीएस, डीसी, वायरलेस जोइता विश्वास ने कहा कि आजकल बच्चे उपेक्षा के शिकार हैं, क्योंकि माता-पिता दोनों कामकाजी हैं. वे बच्चों को समय नहीं दे पा रहे हैं.
इस कमी को पूरा करने के लिए वे इन्टरनेट, फेसबुक का सहारा ले रहे हैं. उनकी काउंसेलिंग के साथ पैरेंट्स को भी जागरूक होने की जरूरत है. समाज में ऐसे बच्चे भी हैं, जिनके पास रहने का ठिकाना नहीं है. हावड़ा स्टेशन पर ही उनका रैन बसेरा है लेकिन उनमें नशे की ऐसी लत है कि वे इसके लिए चोरी व छिनताई भी कर लेते हैं. उनके पुनर्वास व नशे से मुक्ति के लिए भी सरकार नयी योजना बना रही है.
इसमें बेहद सावधान होने की जरूरत है. साइबर अपराध एक अलग तरह का अपराध है. इसमें केवल एक डिवाइज के जरिये अपराधी को पकड़ा जा सकता है. इस विशेष सत्र में आइपीएस, डीसी डीडी (2) नीलू शेप्रा चक्रवर्ती ने जहां महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध व सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी. वहीं इन्सपेक्टर ऑफ पुलिस, कोलकाता (एडीशनल ऑफस इनचार्ज, एंटी बैंक फ्रॉड) नीलकांत राय ने कि ई-बैंकिंग करते समय व एटीएम से पैसा निकालते समय भी विशेष सावधानी की जरूरत है. धन्यवाद ज्ञापन सुरचिता बसु ने किया.