ओला, उबेर चलाती नजर आयेंगी महिलाएं : शशि पांजा

कोलकाता: चाहे कामकाजी महिला हो या सामान्य गृहिणी, हर नारी को प्रशिक्षण के जरिये सशक्त किया जा सकता है. इसके लिए राज्य सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है. इसमें कम पढ़ी-लिखी लड़कियों को ड्राइविंग की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. सुरक्षा की दृष्टि से महिला ड्राइवरों को कामकाजी महिलाएं ज्यादा प्राथमिकता देंगी. इसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2017 1:03 AM
कोलकाता: चाहे कामकाजी महिला हो या सामान्य गृहिणी, हर नारी को प्रशिक्षण के जरिये सशक्त किया जा सकता है. इसके लिए राज्य सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है. इसमें कम पढ़ी-लिखी लड़कियों को ड्राइविंग की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. सुरक्षा की दृष्टि से महिला ड्राइवरों को कामकाजी महिलाएं ज्यादा प्राथमिकता देंगी. इसके लिए ओला ऊबेर कंपनी व एक गैर सरकारी संस्था से सम्पर्क किया गया है. उक्त बातें फिक्की एफएलओ (फिक्की लेडीज आर्गेनाइजेशन) द्वारा आयोजित एक सेमिनार में राज्य की महिला विकास, समाज कल्याण, बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने कहीं.
महिला सुरक्षा, मानव तस्करी व नशे के शिकार लोग-विषय पर आयोजित फेस टू फेस सत्र में मंत्री ने कहा स्कूल स्तर पर लड़कियों को सशक्त करने के लिए ट्रेनिंग देने के साथ जूड़ो कराटे भी सिखाया जा रहा है. एक एनजीओ के साथ मिलकर महिला ड्राइवर तैयार की जा रही हैं, ताकि सफर करनेवाली महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करें. समाज की उपेक्षित व साधनहीन महिलाओं को सशक्त करने के लिए उन्हें ब्लॉक प्रिंटिंग, रिटेल मैनेजमेंट व कैन्टीन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

इसमें महिला कैदियों को भी डांस थेरेपी व अन्य वोकेशनल प्रशिक्षण के जरिये सशक्त बनाया जा रहा है. महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अनुप्रेरणा से कई योजनाएं शुरू की गयी हैं. इसमें मुक्तिर आलो भी एक मुख्य योजना है. कार्यक्रम में आइपीएस, डीसी, वायरलेस जोइता विश्वास ने कहा कि आजकल बच्चे उपेक्षा के शिकार हैं, क्योंकि माता-पिता दोनों कामकाजी हैं. वे बच्चों को समय नहीं दे पा रहे हैं.

इस कमी को पूरा करने के लिए वे इन्टरनेट, फेसबुक का सहारा ले रहे हैं. उनकी काउंसेलिंग के साथ पैरेंट्स को भी जागरूक होने की जरूरत है. समाज में ऐसे बच्चे भी हैं, जिनके पास रहने का ठिकाना नहीं है. हावड़ा स्टेशन पर ही उनका रैन बसेरा है लेकिन उनमें नशे की ऐसी लत है कि वे इसके लिए चोरी व छिनताई भी कर लेते हैं. उनके पुनर्वास व नशे से मुक्ति के लिए भी सरकार नयी योजना बना रही है.

सत्र में सवालों का जवाब देते हुए साइबर पी.एस के अतिरिक्त ऑफिसर इनचार्ज प्रेमजीत चौधरी ने कहा कि सोशल नेटवर्किंग पर भी कई बार लोग गलत सूचनाएं दे देते हैं. विशेषकर मैट्रीमोनियल साइट पर अपना गलत प्रोफाइल देकर लोग महिलाओं को फंसाने की कोशिश करते हैं. बैंक अकाउंट या एटीएम पासवर्ड की चोरी से भी साइबर अपराध बढ़ रहे हैं.

इसमें बेहद सावधान होने की जरूरत है. साइबर अपराध एक अलग तरह का अपराध है. इसमें केवल एक डिवाइज के जरिये अपराधी को पकड़ा जा सकता है. इस विशेष सत्र में आइपीएस, डीसी डीडी (2) नीलू शेप्रा चक्रवर्ती ने जहां महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध व सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी. वहीं इन्सपेक्टर ऑफ पुलिस, कोलकाता (एडीशनल ऑफस इनचार्ज, एंटी बैंक फ्रॉड) नीलकांत राय ने कि ई-बैंकिंग करते समय व एटीएम से पैसा निकालते समय भी विशेष सावधानी की जरूरत है. धन्यवाद ज्ञापन सुरचिता बसु ने किया.

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