भारत-बांग्लादेश के बीच जलमार्ग परिवहन आरंभ
कोलकाता. इंडो-बांग्लादेश कोस्टल शिपिंग संधि के तहत पहली बार पारादीप पोर्ट से जलमार्ग से परिवहन प्रारंभ हुआ. इसकी देख-रेख की जिम्मेवारी सीवेज शिपिंग एंड लाजिस्टिक लिमिटेड (सीवेज) की है. यह जहाज दिसंबर महीने की 29 तारीख को रवाना होकर 1 जनवरी, 2017 को चिटगांव पहुंचा. इस जहाज में 149 कंटेनर के साथ स्पंज आयरन के […]
कोलकाता. इंडो-बांग्लादेश कोस्टल शिपिंग संधि के तहत पहली बार पारादीप पोर्ट से जलमार्ग से परिवहन प्रारंभ हुआ. इसकी देख-रेख की जिम्मेवारी सीवेज शिपिंग एंड लाजिस्टिक लिमिटेड (सीवेज) की है. यह जहाज दिसंबर महीने की 29 तारीख को रवाना होकर 1 जनवरी, 2017 को चिटगांव पहुंचा. इस जहाज में 149 कंटेनर के साथ स्पंज आयरन के 91 कंटेनर भी लदे थे.
यह भारत-बांग्लादेश जलसंधि के तहत चलायी जा रही है. सीवेज को माल ढुलाई, परिवहन शुल्क, जहाज से माल उतारनेवाले मजदूरों के साथ अंतिम गंतव्य तक माल पहुंचाने की जिम्मेवारी है. यह सीवेज के लिए गौरव की बात है कि वह भारत सरकार की ओर से न्यूनतम परिवहन खर्च पर कंटेनरों की ढुलाई के कार्य में जुटी है.
पारंपरिक रूप से भारत से बांग्लादेश बंदरगाह तक जाने के लिए सिंगापुर या कोलंबो बंदरगाह से होकर जाना पड़ता था. दोनों देशों के बीच इस संधि के बाद सीधे बांग्लादेश तक माल ढुलाई संभव हो सकेगी, जिससे समय के साथ खर्च में भी काफी बचत होगी. इस संधि के बाद दोनों देशों की जिम्मेवारी इन मालवाही वैसलों की सुरक्षा की होगी, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में और भी मजबूती आयेगी.