मोदी के खिलाफ फतवा का मामला, मुसलिम नेताओं ने की शाही इमाम की निंदा

कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टीपू सुलतान मसजिद के शाही इमाम मौलाना नुरूर्रहमान बरकती के फतवे का जहां भाजपा ने जम कर विरोध किया है, वहीं उनके खिलाफ मामला भी दायर किया गया है. पर पुलिस की आेर से कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है. दूसरी तरफ राज्य के विभिन्न मुसलिम नेताआें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2017 1:15 AM
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टीपू सुलतान मसजिद के शाही इमाम मौलाना नुरूर्रहमान बरकती के फतवे का जहां भाजपा ने जम कर विरोध किया है, वहीं उनके खिलाफ मामला भी दायर किया गया है. पर पुलिस की आेर से कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है. दूसरी तरफ राज्य के विभिन्न मुसलिम नेताआें ने मौलाना बरकती के इस फतवे की जम कर निंदा की है.
मिल्ली इत्तेहाद परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल अजीज ने कहा कि राज्य सरकार को इस प्रकार के बयान के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. इस प्रकार के बयान से सांप्रदायिक तत्वों को फायदा पहुंचता है. जब हम भाजपा सांसद साक्षी महाराज की उनके बयान के लिए निंदा कर रहे हैं, तो फिर मौलाना बरकती के बयान की निंदा क्यों नहीं की जानी चाहिए. ऑल बंगाल माइनोरिटी यूथ फेडरेशन के महासचिव मो कमरुज्जमां ने कहा कि इस बयान से राज्य के धार्मिक नेताआें को ठेस पहुंचा है. राज्य के विभिन्न जिलों से कई इमाम ने इस बयान की निंदा की है. वह स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं.

वह एक धार्मिक नेता हैं आैर उन्हें राजनीतिक लड़ाई में शामिल नहीं होना चाहिए. प्रधानमंत्री को लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया है आैर हमें उस कुर्सी का सम्मान करना चाहिए. जमायत-ए-इसलामी के प्रदेश अध्यक्ष मो नुरूद्दीन ने मौलाना बरकती के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह बयान बेहद खतरनाक है आैर इससे केवल उन लोगों को फायदा पहुंचेगा, जो ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं.

उन्होंने कहा कि एक इमाम को अपने विचारों में संतुलित होना चाहिए. उनकी एक राजनीतिक सोच हो सकती है, पर वह इस प्रकार का फतवा जारी नहीं कर सकता है. इससे न केवल मुसलमानों की प्रतिष्ठ को नुकसान पहुंचेगा, बल्कि भाजपा इसका लाभ उठायेगी. ममता बनर्जी मंत्रिमंडल के सदस्य सिद्दिकुल्ला चौधरी ने भी उनके इस फतवे की निंदा की है. उनका कहना है कि इमाम अपरिपक्व हैं आैर उन्होंने ऐसा केवल खबरों में रहने के लिए किया है. यह बयान सरासर गलत है आैर एक इमाम की ऊंची कुर्सी का उन्होंने अपमान किया है.

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