वाहन पंजीकरण सहित विभिन्न शुल्कों में इजाफा का प्रस्ताव, वाहन संगठनों ने एक सुर से किया विरोध

कोलकाता. केंद्र सरकार ने वाहन पंजीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस शुल्क सहित फिटनेस सर्टिफिकेट शुल्क में लगभग दुगनी वृद्धि का प्रस्ताव किया है. इस बाबत केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गयी है. राज्य सरकार से प्रस्ताव पर मत मांगा है तथा अगले माह से यह वृद्धि लागू होने की संभावना है. राज्य के टैक्सी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2017 1:27 AM
कोलकाता. केंद्र सरकार ने वाहन पंजीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस शुल्क सहित फिटनेस सर्टिफिकेट शुल्क में लगभग दुगनी वृद्धि का प्रस्ताव किया है. इस बाबत केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गयी है. राज्य सरकार से प्रस्ताव पर मत मांगा है तथा अगले माह से यह वृद्धि लागू होने की संभावना है. राज्य के टैक्सी व बस संगठनों ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए राज्य सरकार से पुनर्विचार करने की मांग की है.
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार वाणिज्यिक वाहनों का पंजीकरण शुल्क 200 रुपये से बढ़ा कर 1000 रुपये, मध्यम मालवाही वाहनों का शुल्क 400 से 1000 रुपये, भारी वाहनों का 600 रुपये से 1500 रुपये, भारी यात्री वाहनों का 900 से 1500 रुपये, हल्के वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट शुल्क 100 रुपये से 400 रुपये, मध्यम वाहनों का 300 रुपये से 600 रुपये तथा ड्राइविंग लाइसेंस व टेस्ट फीस दुगना करने का प्रस्ताव दिया गया है.
एटक समर्थित नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रोड ट्रांसपोर्ट वर्क्स के राष्ट्रीय सचिव नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि नोटबंदी के कारण परिवहन क्षेत्र के वाहनों व श्रमिकों की स्थिति पहले से ही खराब थी. अब केंद्र सरकार ने विभिन्न शुल्कों में वृद्धि का प्रस्ताव किया है. इससे परिवहन व्यवस्था की कमर ही टूट जायेगी. मालिकों व श्रमिकों की स्थिति और भी दयनीय हो जायेगी. उन्होंने केंद्र सरकार से यह वृद्धि वापस लेने व राज्य सरकार से पुनर्विचार करने की मांग की. उन्होंने विभिन्न परिवहन संगठनों से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर इसके खिलाफ आंदोलन करें, ताकि केंद्र व राज्य सरकार पर दवाब बनाया जा सके.
दूसरी ओर, ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के महासचिव तपन बनर्जी ने कहा कि इसके खिलाफ वे लोग परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी को शुक्रवार को पत्र देंगे तथा इस पर पुनर्विचार की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि विभिन्न मदों में वृद्धि के कारण पहले ही वाहनों का चलाना मुश्किल हो रहा था. अब और भी दिक्कत होगी. उन्होंने विभिन्न परिवहन क्षेत्रों बस, मिनी बस, टैक्सी व ट्रक संगठनों से एकजुट होकर आंदोलन करने की अपील की.

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