कोलकाता पुलिस आयुक्त को किया शो कॉज, दो सप्ताह के अंदर मांगा जवाब
अदालत ने कहा, दिन के दो बजे से छह बजे तक पूरा करना होगा कार्यक्रम
पुलिस आयुक्त से अदालत ने पूछा, अवमानना का मामला क्यों नहीं चलाया जाये
कोलकाता: आसनसोल में सांसद मेले के बाद अब ब्रिगेडपरेडमैदान में आरएसएस की सभा होगी. हाइकोर्ट में राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार को एक बार फिर धक्का लगा. ब्रिगेड मैदान में 14 जनवरी को आरएसएस की सभा को कलकत्ता हाइकोर्ट ने अनुमति दे दी है. हालांकि सभा को लेकर शर्त भी लगायी गयी है. साथ ही इस मामले में न्यायाधीश जयमाल्य बागची ने कोलकाता पुलिस को भी आड़े हाथों लिया. कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को शो कॉज भी किया गया है. इस मामले में दो सप्ताह के अंदर हाइकोर्ट को हलफनामा देकर जवाब देना होगा.
पहले आरएसएस की सभा खिदिरपुर के भूकैलाश में करने की बात थी. हालांकि फिर इसे शहीद मीनार में करने का फैसला लिया गया था. बाद में फिर फैसला बदला गया और आखिरकार आरएसएस ने ब्रिगेड मैदान में सभा करने का फैसला लिया. हालांकि इस सभा के लिए कोलकाता पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी. उनका कहना था कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति है. पर्याप्त पुलिसकर्मियों के न होने की वजह से सभा की अनुमति नहीं दी जा सकती.
इसके बाद आरएसएस ने अपने प्रमुख मोहन भागवत की सभा के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने संयुक्त पुलिस कमिश्नर को पूरे हालात की जांच करके अदालत में रिपोर्ट देने के लिए कहा था. हालांकि अदालत में जो रिपोर्ट पहुंची, उसमें पुलिस आयुक्त के हस्ताक्षर नहीं थे, इसमें संयुक्त आयुक्त के हस्ताक्षर थे. इसे लेकर पुलिस आयुक्त को हाइकोर्ट ने आड़े हाथों लिया. पुलिस कमिश्नर के खिलाफ अदालती अवमानना का मामला क्यों नहीं दायर किया जाये इसे बताने के लिए कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को दिनों का समय दिया गया है.
अदालत ने कहा है कि सभा में अधिकतम चार हजार लोग ही शामिल हो सकते हैं. केवल आमंत्रित लोग ही इसमें शामिल हो सकते हैं. इसकी अग्रिम सूची पहले ही जमा करनी होगी. पुलिस के साथ-साथ हाईकोर्ट को भी हलफनामा देकर इसकी जानकारी देनी होगी. यदि कोई क्षति होती है, तो इसका खर्च संस्था को उठाना पड़ेगा. सभा को दोपहर दो बजे से शाम छह बजे के बीच पूरा करना होगा. इधर, पश्चिम बंगालमेंआरएसएस के प्रांच प्रचारक विद्युत मुखर्जी ने कहा कि वहबंगालमें 1939 से हैं, लेकिन कभी भी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा है.
विद्युत मुखर्जी ने कहा है कि मकर संक्रांति के अवसर पर संघ के इस वार्षिक आयोजन के लिए उनकी ओर से 50 हजार लोगों के शामिल होने की व्यवस्था की गयी थी, जिसमें स्वयंसेवक व आम नागरिक भी थे, लेकिन अदालत के आदेश के बाद अब सिर्फ चार हजार वैसे स्वयंसेवक ही इस अायोजन में शामिल होंगे, जिन्हें हमारे संगठन ने आयोजन के लिए आमंत्रित किया है.