इसमें समय-समय पर नदी का पानी छोड़ा जाता है. इस पानी की सफाई कर महानगर में जलापूर्ति की जाती है. वर्ष 1970 से झील की साफ-सफाई नहीं हुई है, जिसके चलते इसमें कीचड़ और बालू भर गया है. एक वक्त झील की गहरायी 18 से 19 फूट थी. अब यह 3.50 फूट तक सिमट गयी है. झील की सफाई और उससे निकली मिट्टी को उपयोग में लाने के लिए अतंरराष्ट्रीय तरीके से इसकी साफ-सफाई करना चाहते है. इस काम के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से ऋण के लिए आवेदन किया गया था. एडीबी हमें करीब 300 बिलियन डॉलर ऋण देने को तैयार है. सोमवार वाटर डीजी और केइअाइपी के अधिकारी ने झील का जायजा लिया. राशि मिलते ही हम काम शुरू कर देंगे.
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फलता झील की सफाई से शहर को मिलेगा 100 मिलियन गैलन पानी
कोलकाता. कोलकाता के कुल 144 वार्ड में दो समय पर जलापूर्ति की जायेगी. कुछ वार्ड में 12 घंटे तो कुछ में 24 घंटे जलापूर्ति होगी. इस योजना पर कोलकाता नगर निगम काम कर रहा है. इसके तहत फलता झील की सफाई आवश्यक है. झील की सफाई करने के बाद शहर को 100 मिलियन गैलन पानी […]
कोलकाता. कोलकाता के कुल 144 वार्ड में दो समय पर जलापूर्ति की जायेगी. कुछ वार्ड में 12 घंटे तो कुछ में 24 घंटे जलापूर्ति होगी. इस योजना पर कोलकाता नगर निगम काम कर रहा है. इसके तहत फलता झील की सफाई आवश्यक है. झील की सफाई करने के बाद शहर को 100 मिलियन गैलन पानी मिलेगा. यह जानकारी कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी ने दी. उन्होंने बताया कि फलता वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के पास करीब 265 एकड़ जमीन पर यह झील है.
एशियन डेवलपमेंट बैंक के अधिकारियों के साथ मेयर ने की बैठक
कोलकाता नगर निगम में सोमवार को एशियन डेवलपमेंट बैंक के दो कार्याकारी निदेशकों के साथ मेयर शोभन चटर्जी की बैठक संपन्न हुई. एशियन डेवलपमेंट बैंक के ऋण से महानगर में कई पेयजल, ड्रेनेज और वाटर लॉस मैंनेजमेट पर कार्य चल रहा है. इस योजना को तीन चरण में पूरा किया जायेगा. प्रथम चरण में 307 करोड़, दूसरे में 1200 करोड़ तथा तीसरे चरण को पूरा करने में 1700 करोड़ रुपया खर्च किया जायेगा. पहले दो चरणों की तरह तीसरे चरण में मिलनेवाले ऋण की राशि प्रदान करने के लिए निगम की ओर से एडीबी बैंक से आवेदन किया गया है. मेयर ने कहा कि एडीबी हमें तीसरे चरण के कार्य के लिए ऋण देने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि निगम ने वर्ष 2000 से 2017 तक एशियन डेवलपमेंट बैंक के द्वारा दी गयी ऋण की राशि का सही प्रयोग किये जाने की वजह से बैंक निगम के कार्य से संतुष्ट है. इसके लिए बैंक ने तीसरे चरण का हमें ऋण देने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि तीसरे चरण में ड्रेनेज सिस्टम को सुधार करने के लिए खर्च किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इससे पहले बड़े ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत की गयी थी. अब इस चरण में छोटे रास्ते से संलग्न ड्रेनेज (जल निकासी) व्यवस्था को ठीक किया जायेगा.
उन्होंने बताया कि इस चरण में 122,123,124, 125,126,127 वार्ड में निकासी का कार्य शेष रह गया था . साथ ही जादवपुर इलाके के 66 ,67,68 वार्ड के निकासी से संबंधित अधूरे कार्य को पूरा किया जायेगा. एडीबी से ऋण मिलने के बाद इस योजना पर कार्य किया जायेगा. उन्होंने बताया कि 1-6 नंबर वार्ड में 24 घंटे पानी की सप्लाई होगी. यहां पानी को नष्ट होेने से बचाने के लिए वाटर साल मैनेजमेंट पर कार्य किया जा रहा है. विभिन्न घरों में मीटर लगाये जायेंगे. वहीं पूर्व कोलकाता के जादवपुर से गरिया 66,67,68,97, 98 तथा 122-126 व 142-144 नंबर वार्ड में 24 घंटे पानी मिलेगा. अगले दो वर्षों में इस योजना के तहत कार्य पूरा होगा. 100 करोड़ खर्च कर इन इलाकों के पानी सप्लाई की जायेगी. महानगर के अन्य इलाकों में दिन में 12 घंटे पानी सप्लाई की जायेगी.
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