31 मार्च के पहले नहीं खोले जायेंगे कोल्ड स्टोरेज : मंत्री
कोलकाता: राज्य में आलू की बेहतर पैदावार के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने इस वर्ष यहां के सभी कोल्ड स्टोरेज को 31 मार्च के पहले नहीं खोलने का निर्देश दिया है. यह जानकारी राज्य के कृषि विपणन मंत्री तपन दासगुप्ता ने मंगलवार को महानगर में आयोजित एक कार्यक्रम में दी. उन्होंने कहा कि आलू की […]
कोलकाता: राज्य में आलू की बेहतर पैदावार के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने इस वर्ष यहां के सभी कोल्ड स्टोरेज को 31 मार्च के पहले नहीं खोलने का निर्देश दिया है. यह जानकारी राज्य के कृषि विपणन मंत्री तपन दासगुप्ता ने मंगलवार को महानगर में आयोजित एक कार्यक्रम में दी.
उन्होंने कहा कि आलू की उपज को बेहतर करने के लिए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है. यदि इससे पहले कोल्ड स्टोरेज खोला गया तो समय से पहले खेतों से आलू निकाल कर कोल्ड स्टोरेज में रखना शुरू हो जायेगा. इसेे रोकने के लिए ऐसा निर्णय लिया गया है. साथ ही मंत्री ने जमाखोरी एवं धांधली रोकने के लिए कोल्ड स्टोरेज मालिकों से राज्य सरकार का सहयोग करने की अपील की. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोल्ड स्टोरेज से आलू 1700 रुपये क्विंटल की दर से निकल रहा है और बाजार पहुंचते ही आलू की कीमत 2600-3000 रुपये प्रति क्विंटल हो जा रही है. इसे रोकने के लिए उन्होंने कोल्ड स्टोरेज मालिकों से मदद करने का आह्वान किया.
कोल्ड स्टोरेज मालिकों के किराया बढ़ाने की मांग पर उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से विशेषज्ञ कमेटी को इस संबंध में विस्तृत सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद ही इसकी घोषणा की जायेगी. कृषि विपणन मंत्री ने कोल्ड स्टोरेज मालिकों को सतर्क करते हुए कहा कि अभी भी कई कोल्ड स्टोरेज मालिक राज्य सरकार द्वारा तय किये गये गाइडलाइन व नियमों को नहीं मान रहे हैं, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इनके खिलाफ अब कार्रवाई करने की योजना बनायी जा रही है.
मौके पर कृषि विपणन विभाग की संयुक्त सचिव मिताली बनर्जी ने बताया कि केंद्र सरकार ने कृषि उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए ई-नेशनल एग्रि मार्केटिंग पोर्टल शुरू की है. इस पोर्टल के साथ राज्य सरकार भी जुड़ेगी और यहां के 17 बाजारों को पोर्टल से जोड़ा जायेगा. उन्होंने कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया. कहा कि कृषि विपणन विभाग इस दिशा में कार्य कर रहा है कि किस प्रकार से बंगाल के कृषि उत्पादों का निर्यात किया जा सके.