सिंचाई में सौर ऊर्जा की मदद लेगी सरकार

कोलकाता. राज्य जल संसाधन शोध व विकास विभाग खेतों की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के वास्ते सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है. वर्तमान में किसान सिंचाई के लिए मुख्य रूप से बिजली संचालित पंप का इस्तेमाल करते हैं. विभागीय मंत्री सौमेन महापात्रा ने बताया कि किसानों को बिजली का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2017 7:46 AM
कोलकाता. राज्य जल संसाधन शोध व विकास विभाग खेतों की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के वास्ते सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है. वर्तमान में किसान सिंचाई के लिए मुख्य रूप से बिजली संचालित पंप का इस्तेमाल करते हैं. विभागीय मंत्री सौमेन महापात्रा ने बताया कि किसानों को बिजली का बिल कम करने में सौर ऊर्जा मददगार साबित होगी. विभाग ने पश्चिम बंगाल इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसइडीसीएल) के साथ इस संबंध में एक समझौता भी कर लिया है. जिन इलाकों में उथले नलकूप लगाये गये हैं, वहां विभाग सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए हाई-ग्रिड इंजन का उपयोग करेगा. इस परियोजना को कूच बिहार के 28 परिक्षेत्रों में लागू भी कर दिया गया है. उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नदिया, पूर्व व पश्चिम मेदिनापुर जिलों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लांच किया गया है.

विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि एक बार जब हम लोग इस परियोजना की व्यवहार्यता की जांच कर लेंगे, तब हम इसे पूरे राज्य में लागू करेंगे. इस परियोजना द्वारा जल उपलब्ध कराने के एवज में एक फीस ली जायेगी. साथ ही किसानों के घरों में भी सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने की हमारी योजना है.

विभाग के अनुमान के अनुसार प्रत्येक यूनिट पर लगभग नौ लाख रुपये की लागत आयेगी एवं इसमें 80 से 100 बीघा जमीन को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की क्षमता होगी. परियोजना के नामकरण के लिए श्री महापात्रा पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिख चुके हैं. अधिकारी ने बताया कि सिंचाई का खर्च कम होने पर किसानों को विविध प्रकार के फसलों का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. इस परियोजना से राज्य में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा, जिसे केंद्र सरकार भी प्रोत्साहित कर रही है.

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