प्राय: गाड़ी मरम्मत के लिए चली जाती और जिले दौरे के दौरान सूचित किये जाने के बावजूद उन्हें गाड़ी उपलब्ध नहीं करायी जाती
कोलकाता : सरकारी गाड़ी के इस्तेमाल को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने सत्तारूढ़ दल तृणमूल व प्रशासन पर उन्हें अपमानित करने व दीन-हीन समझने का आरोप लगाते हुए घोषणा की कि विधानसभा में विपक्षी दल के नेता के संविधानिक अधिकार के तौर में उन्हें मिली सरकारी गाड़ी का वह इस्तेमाल नहीं करेंगे.
वरन वह यातायात के लिए निजी गाड़ी का इस्तेमाल करेंगे. श्री मन्नान ने सोमवार को विधानसभा में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि लोकसभा व विधानसभा में विपक्ष के नेता को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है. उसी दर्जे के तहत उन्हें गाड़ी मुहैया करायी जाती है, लेकिन उन्हें जो गाड़ी दी गयी है. वह प्राय: ही मरम्मत के लिए चली जाती है तथा जिले दौरे के दौरान सूचित किये जाने के बावजूद उन्हें गाड़ी उपलब्ध नहीं करायी जाती है.
उन्होंने कहा कि रविवार को बैरकपुर में रक्तदान शिविर में जाना था. वह शेवड़ापुल्ली से नदी लांच से पार कर इस ओर आये. उनके निजी सचिव ने पहले ही उनके कार्यक्रम की सूचना जिला प्रशासन को दे दी थी और गाड़ी की बात भी बतायी थी, लेकिन उन्हें गाड़ी उपलब्ध नहीं करायी गयी. लगभग एक घंटे के बाद उन्होंने मुख्य सचिव को फोन किया, लेकिन जब वह बिना कार्यक्रम में शामिल हुए वह वापस लौट आये, तो वहां के डीएम का संदेश व एसडीओ का फोन आया है कि उनकी लिए गाड़ी जा रही है. इसके पहले भी मुर्शिदाबाद के दौरे के दौरान उन्हें गाड़ी उपलब्ध नहीं करायी गयी थी. इसकी शिकायत विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से भी की थी. उन्हें समुचित व्यवस्था लेने का निर्देश दिया था, लेकिन बार-बार उनके साथ यह व्यवहार किया जा रहा है. चूंकि वह हुगली में रहते हैं और विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हो जाती है. ऐसे में उन्हें विधानसभा पहुंचने में परेशानी होती है.
वह महानगर में आवास के लिए संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी व विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कुछ व्यवस्था नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल समझता है कि वह विरोधी दल के नेता उनकी अनुकंपा से हुए हैं, लेकिन जनता ने उन्हें निर्वाचित किया है. ये सुविधाएं उनका अधिकार है. कोई उन्हें भिखारी और दीन-हीन नहीं समझे. इसी कारण ही उन्होंने फैसला किया कि वह सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करेंगे. हालांकि वह अपने गृह जिले में निजी गाड़ी का ही इस्तेमाल करते हैं.