अब इतिहास में पढ़ाया जायेगा सिंगूर आंदोलन

कोलकाता : राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने विधानसभा में घोषणा की कि अगले शिक्षा वर्ष से आठवीं कक्ष के इतिहास में सिंगूर आंदोलन छात्रों का पढाया जायेगा. श्री चटर्जी ने विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल में बताया कि सिंगूर आंदोलन के विषय वस्तु को सिलेबस कमेटी व शिक्षा विभाग ने अनुमोदन दे दिया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2017 6:12 PM

कोलकाता : राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने विधानसभा में घोषणा की कि अगले शिक्षा वर्ष से आठवीं कक्ष के इतिहास में सिंगूर आंदोलन छात्रों का पढाया जायेगा. श्री चटर्जी ने विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल में बताया कि सिंगूर आंदोलन के विषय वस्तु को सिलेबस कमेटी व शिक्षा विभाग ने अनुमोदन दे दिया है.

इस वर्ष से आठवीं कक्षा के इतिहास विषय में सिंगूर आंदोलन को समावेश किया जायेगा. सिंगूर आंदोलन वर्तमान इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है. छात्रों को इतिहास के एक महत्वपूर्ण पड़ाव की जानकारी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि केवस सिंगूर आंदोलन के इतिहास को नहीं, वरन तेभागा आंदोलन को भी पाठ्य सूची में शामिल किया गया है. छात्रों को राज्य की संस्कृति व इतिहास की जानकारी हासिल हो.
इस उद्देश्य से यह कदम उठाया जायेगा. उल्लेखनीय है कि वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिंगूर में नैनो कारखाने के लिए वाम मोरचा सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण का विरोध किया गया था और इस आंदोलन के मद्देनजर राज्य से 34 वर्षों के वाम मोरचा शासन का खात्मा हुआ था. हाल में सर्वोच्च न्यायालय ने सिंगूर जमीन अधिग्रहण कानून को खारिज करते हुए वंचित किसानों की जमीन लौटाने का निर्देश दिया था.
तृणमूल कांग्रेस इसे जनता व मां, माटी, मानुष की जीत करार देती है. सिंगूर आंदोलन को इतिहास के पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने की घोषणा पर माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार सिंगूर आंदोलन को पाठ्य पुस्तक में शामिल करने के साथ विधानसभा में तोड़फोड़ की घटना को भी शामिल करेगी. वैसे अभी पूरी जानकारी नहीं है कि सिंगूर आंदोलन के इस चैप्टर में किन-किन घटनाक्रम को शामिल किया गया है.

Next Article

Exit mobile version