फ्रांसीसियों ने हिंदमोटर का एंबेसडर ब्रांड खरीदा

हुगली. एंबेसडर कारें सिर्फ पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की पहचान ही नहीं, बल्कि सत्ता प्रतिष्ठान की पहली पसंद बन गयी थीं. हुगली जिले के उत्तरपाड़ा स्थित हिंदुस्तान मोटर्स कारखाने से निकलनेवाली एंबेसडर एक कार से ऊपर उठ कर एक परंपरा और उसके बाद धीरे-धीरे एक धरोहर बन गयी थी, लेकिन तीन साल पहले इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2017 8:02 AM
हुगली. एंबेसडर कारें सिर्फ पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की पहचान ही नहीं, बल्कि सत्ता प्रतिष्ठान की पहली पसंद बन गयी थीं. हुगली जिले के उत्तरपाड़ा स्थित हिंदुस्तान मोटर्स कारखाने से निकलनेवाली एंबेसडर एक कार से ऊपर उठ कर एक परंपरा और उसके बाद धीरे-धीरे एक धरोहर बन गयी थी, लेकिन तीन साल पहले इस कारखाने में तालाबंदी के साथ ही इस परंपरा या धरोहर के पहिये थम गये थे.

वहीं इसके ब्रांड को खरीदने के बाद उन श्रमिकों को काफी खुशी हुई है, जिनका कंपनी पर बकाया था. कंपनी ने इस ब्रांड को महज 80 करोड़ रुपये में फ्रांस की पीजो कंपनी को बेच दिया है. बताया गया है कि जिस धनराशि से कंपनी के इस ब्रांड को खरीदा गया है, उससे बकायेदार श्रमिकों को उनका वेतन दिया जायेगा.

2014 में हुआ था बंद
हिंदमोटर कारख़ाने में बुलेट प्रूफ गाड़ी के निर्माण की वजह से इसकी मांग देश-विदेशों में भी होने लगी. उस समय की सबसे मजबूत और सुरक्षित गाड़ियों में एंबेसडर की गिनती हुआ करती थी. इसमें जान-माल की सुरक्षा के साथ-साथ दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बहुत कम होती थी.

इस विश्वविख्यात कारख़ाने को तब एक बड़ा झटका लगा, जब 1980 में मारुति कंपनी ने बहुत ही कम कीमत पर सस्ती व सुंदर गाड़ियों को बाजार में उतारा. दिनोंदिन नयी-नयी तकनीक की आधुनिक गाड़ियां बाजार में आने लगीं, जिसके बाद से धीरे-धीरे एंबेसडर गाड़ियों की मांग बाजार में घटने लगी और इसके उत्पादन में भारी कमी आने लगी. चार साल पहले इस कंपनी का सालाना उत्पादन 2000 गाड़ियों का था, लेकिन धीरे-धीरे इस कंपनी की आर्थिक अवस्था बिगड़ने लगी और आखिरकार 2014 के मई में यह कंपनी अनिश्चितकालीन के लिए बंद हो गयी.

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