सेल की खदानों में लौह अयस्क के उत्पादन में वृद्धि

कोलकाता : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के रॉ मेटेरियल्स डिवीजन (आरएमडी) की खदानों में इस कैलेंडर वर्ष के प्रथम माह में गत वर्ष की इस अवधि की तुलना में 25 प्रतिशत लौह अयस्क के उत्पादन में वृद्धि अर्जित की है. जनवरी में आरएमडी की मेघाहातुबुरू, किरीबुरू, गुआ और बोलानी की लौह अयस्क खदानों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2017 2:43 AM

कोलकाता : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के रॉ मेटेरियल्स डिवीजन (आरएमडी) की खदानों में इस कैलेंडर वर्ष के प्रथम माह में गत वर्ष की इस अवधि की तुलना में 25 प्रतिशत लौह अयस्क के उत्पादन में वृद्धि अर्जित की है. जनवरी में आरएमडी की मेघाहातुबुरू, किरीबुरू, गुआ और बोलानी की लौह अयस्क खदानों ने गत वर्ष की आलोच्य अवधि की तुलना में इस माह के दौरान क्रमशः 25.7, 24.7, 20.6 तथा 15.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. इस वित्तीय वर्ष के दौरान अप्रैल से जून का कुल उत्पादन 16.02 मि.टन तक पहुंचा, जो गत वर्ष की तुलना में 7.10% अत्यधिक था. इस वर्ष मार्च के अंत तक

19.2 मिलियन टन लौह अयस्क के सर्वाधिक उत्पादन को प्राप्त करने का लक्ष्य है. सेल के हॉट मेटल उत्पादन वृद्धि को देखते हुए आरएमडी अपनी खदानों का क्षमता विस्तार कर रहा है. सेल इस्पात संयंत्रों की बढ़ी हुई जरूरतों को पूरा करने में तालडीह खदान मददगार होगी. सेल की योजना है कि 4.2 मिलियन टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता के साथ तालडीह को पूर्णतः मेकॉनाइज्ड खदान के रूप में विकसित किया जाये. देश के पूर्वी क्षेत्र स्थित आरएमडी की खदानें मुख्य रूप से राउरकेला, दुर्गापुर, बोकारो और बर्नपुर स्थित सेल के इस्पात संयंत्रों को लौह अयस्क की आपूर्ति करता है. इसके अतिरिक्त भिलाई इस्पात संयंत्र की जरूरतों को भी आरएमडी पूरा करता है.

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