पुलिसकर्मियों के फिटनेस पर सरकार को फटकार
कोलकाता: पुलिसकर्मियों के फिटनेस पर सवाल उठाते हुए कमल दे नामक व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यनिर्वाही मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे की खंडपीठ ने राज्य सरकार को फटकार लगायी है. सरकार द्वारा दायर हलफनामे पर सवाल उठाते हुए अदालत ने कहा कि हलफनामा दायर किया जा रहा है […]
क्या यह सही पद हो सकता है? इसके अलावा उप सचिव नीति निर्धारक नहीं हो सकता. उसकी ओर से हलफनामा स्वीकार नहीं किया जा सकता. अदालत ने निर्देश दिया कि डीजीपी, कोलकाता पुलिस आयुक्त और प्रधान सचिव (गृह) इस मामले में पृथक हलफनामे तीन हफ्ते के भीतर दायर करेंगे. प्रधान सचिव (गृह) का नाम इसलिए दिया जा रहा है, ताकि इस बाबत नियम गठित करने को अदालत इच्छुक है.
अदालत ने सरकार से सवाल किया कि क्या पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण का कोई द्विमासिक, त्रैमासिक या छमाही, सिस्टम है? क्या फिटनेस की जांच करने के लिए कोई सुविधा है. पुलिसकर्मियों को हथियार की प्रैक्टिस देने के लिए क्या कोई टारगेट प्रैक्टिस की सुविधा है? क्या उन्हें बगैर गोलियों के हथियार दिये जाते हैं? इस संबंध में विस्तृत हलफनामा दायर किया जाये, अन्यथा अदालत खुद ही कदम उठायेगी.