इमरजेंसी गेट बंद कर वहां भी लगा दी दुकान

कोलकाता: बड़ाबाजार के तीन नंबर अमरतल्ला लेन में सोमवार रात को लगी भयावह आग में लापरवाही का एक और नया मामला सामने आया है. अग्निकांड की घटना से गुस्साये लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी इमारत के किसी भी छोर पर अगर नजर डाली लिया जाये, तो वहां लापरवाही ही नजर आती है. लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2017 8:19 AM
कोलकाता: बड़ाबाजार के तीन नंबर अमरतल्ला लेन में सोमवार रात को लगी भयावह आग में लापरवाही का एक और नया मामला सामने आया है. अग्निकांड की घटना से गुस्साये लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी इमारत के किसी भी छोर पर अगर नजर डाली लिया जाये, तो वहां लापरवाही ही नजर आती है. लोगों का कहना है कि इमारत में आवाजाही का रास्ता सिर्फ एक है.

काफी पहले इस इमारत में प्रवेश करने के दो रास्ते हुआ करते थे. लेकिन बहुत पहले ही प्रवेश करने के दूसरे रास्ते को बंद कर वहां दुकानें खोल दी गयीं. तब से लेकर अब तक इस इमारत में आवाजाही का सिर्फ एक रास्ता ही बच गया. यहां रहनेवाले व व्यापार करनेवाले लोग सिर्फ मेन गेट से ही आवाजाही करते हैं. पूरी इमारत में लेदर बैग, प्लास्टिक की कुर्सी, सॉफ्ट टॉय, प्लास्टिक के ब्लैंकेट, प्लास्टिक के चेयर, लेडिस बैग व अन्य सामान के तकरीबन 75 से अधिक दुकान व उनका गोदाम अंदर मौजूद हैं.

इस कारण इमारत के अंदर सभी रास्तों पर हमेशा सामान हमेशा पड़ा रहता है. कोई भी व्यक्ति अगर अापातकालीन स्थिति में बाहर निकलना चाहे, तो पहले तो उसे एक ही रास्ते से बाहर निकलना होगा, जिसका द्वार काफी छोटा और अक्सर सामान से भरा रहता है. सोमवार रात को लगी आग के समय भी लोगों को इसी समस्या से गुजरना पड़ा. सोमवार को आग फैलने के समय लोग जल्दीबाजी में बाहर नहीं निकल पायें और सात से आठ लोग दमघोटू धुएं में फंसकर अंदर ही कैद हो गये.

काफी मशक्कत के बाद उन्हें दमकल की सीढ़ियों की मदद से दूसरे इमारत की छत से सुरक्षित बाहर निकाला गया. व्यापारिक केंद्र होने के बावजूद इस इमारत में अग्निशमन की कोई व्यवस्था मौजूद नहीं थी. इसके कारण जब आग लगी, तो शुरुआत में उसे फैलने से रोकने का कोई रास्ता नहीं सूझा. लोगों ने आसपास के घरों व दुकान से पानी फेंककर आग बुझाने की कोशिश की. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

Next Article

Exit mobile version