बुधवार को पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए श्री मुखर्जी ने कहा कि फैसला लेने में देर के बावजूद ऐसा लगता है कि केंद्र को आखिर सदबुद्धि आ गयी है. गौरतलब है कि अपने नये फैसले में केंद्र ने कहा है कि जब तक लाभार्थी बच्चों का आधार नंबर जारी नहीं हो जाता, तब तक उन्हें कुछ खास सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं किया जायेगा. मिड-डे मील योजना और समेकित बाल विकास योजना के मामले में स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों से कहा गया कि वे लाभार्थी बच्चों से आधार नंबर लें और यदि किसी बच्चे के पास आधार नंबर नहीं हो, तो स्कूल या आइसीडीसी कर्मी को बच्चे को पंजीकरण सुविधाएं मुहैया करानी होंगी. और जब तक आधार नंबर जारी नहीं कर दिया जाये, तब तक लाभ जारी रहेगा.
श्री मुखर्जी ने कहा कि यह अच्छा है कि मिड-डे मील के लिए आधार को अनिवार्य किये जाने का फैसला वापस ले लिया गया है. स्कूल जानेवाले बच्चों से खाना नहीं छीना जाना चाहिए.