आरएसएस की तीन दिन चलने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा रविवार को कोयंबटूर में शुरू हुई
कोयंबटूर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पश्चिम बंगाल में बढ़ते जिहादी हमलों पर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार को भी निशाने पर लिया. आरएसएस के सह सरकार्यवाह भाग्य्या ने कहा कि राज्य में जिहादी लोगों को सरस्वती पूजा नहीं करने तक को मजबूर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय बैठक में पश्चिम बंगाल में बढ़ते जिहादी हमलों पर एक प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को भेजा जायेगा और उसे लागू करने के लिए दबाव बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार लोगों की जिहादियों से रक्षा करने के बजाया उसके तुष्टीकरण में लगी है.
प्रतिनिधि सभा के उद्घाटन के बाद सह सरकार्यवाह भाग्य्या जी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए रविवार को कहा कि पिछले 10 वर्षों से संघ का कार्य लगातार बढ़ रहा है और दृढ़ हो रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष प्राथमिक शिक्षा वर्गों में एक लाख युवाओं ने पूरे देश में भाग लिया.
पूरे देश मेें आयोजित 20 दिवसीय प्रशिक्षण वर्गों में 17500 शिक्षार्थियों ने भाग लिया. उन्होंने बताया कि देशभर में 4130 शिक्षार्थियों ने दूसरे :द्वितीय: वर्ष के क्षेत्रीय वर्गों में भाग लिया, 973 शिक्षार्थियों ने नागपुर के तीसरे :तृतीय: वर्ष के प्रशिक्षण वर्ग में भाग लिया. 57233 शाखाएं, 14896 साप्ताहिक मिलन और 8226 मासिक मंडली पूरे देश में चल रही हैं. 19121 सेवा बस्तियों में स्वयंसेवकों द्वारा सेवा कार्य संचालित किये जा रहे हैं.
उन्होंने अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पारित करने पर कहा कि बंगाल में हिंदुओं की स्थिति खतरनाक है. हिंसा, लूट, हत्याएं, मुस्लिम तुष्टीकरण उच्च स्तर पर है. सरकारी मशीनरी और पुलिस हिंदुओं और हिंदू त्योहारों पर हो रहे अत्याचारों पर मूक दर्शक बनकर रहती है. उन्होंने हाल ही में पश्चिम बंगाल के धुलागढ़ और कालियाचक में हुए हमलों का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि समाज को जागृत करने और सरकार को अपील करने के वास्ते, पश्चिम बंगाल में हिंदू समाज की स्थिति और कष्टों पर एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा.