इस प्रक्रिया में छात्र केवल अपनी पाठ्यपुस्तकें ही नहीं पढ़ेंगे, बल्कि अपनी अन्य रचनात्मक प्रतिभा को भी व्यक्त कर सकेंगे. नये प्रयोग के साथ बच्चों को नयी चीजें भी सिखायी जायेंगी. केवल किताब पढ़ाना ही स्कूल का लक्ष्य नहीं होगा, बल्कि छात्रों के बेहतरीन आइडिया को भी काम में लिया जायेगा. शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि छात्रों के सिर से मानसिक दबाव हटाने के लिए नयी प्रणाली शुरू की जा रही है.
छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आसानी से तैयारी कर सकें, इस लक्ष्य से भी सरकारी स्कूल में आइडिया बेस्ड पढ़ाई शुरू की जायेगी. इस प्रणाली में शिक्षक को यह आश्वस्त करना होगा कि छात्र को पाठ समझ में आया, वे अब उसका उत्तर लिख सकते हैं.
छात्रों की अपनी ही आइडिया से लिखना होगा. छात्रों को केवल यह याद नहीं रखना है कि किताब में क्या लिखा है, बल्कि अपनी रचनात्मकता को भी सिद्ध करना होगा. स्कूल शिक्षा विभाग व सिलेबस कमेटी ने पूरे राज्य के स्कूलों में इसको लेकर एक सर्वे किया है. इसमें छात्रों के मानसिक दबाव को कम करने के लिए नयी तकनीक पर काम किया जायेगा. सिलेबस कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि हम चाहते हैं कि हमारे छात्र न केवल राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी हर प्रतियोगिता में अव्वल रहें. यह शिकायत थी कि बच्चे पढ़ाई के तनाव से स्कूल में नहीं आ रहे हैं. वे ट्यूशन कर रहे हैं. क्लासरूम में पढ़ाई को ज्यादा रुचि कर बनाने के लिए पाठ्यक्रम में लघु स्तर पर जरूरी बदलाव किये जा रहे हैं.