उन्होंने कहा कि फिल्म में नोटबंदी के प्रभाव को दर्शाती तीन कहानियों के इर्द-गिर्द फिल्म घूमती है और इसके पहले ही नोटबंदी पर दो शार्ट फिल्म बनायी जा चुकी है तथा उनको केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने प्रमाणपत्र भी दिया था, लेकिन इस फिल्म को लटका दिया गया है, जबकि वे लोग फिल्म का पोस्टर लगा चुके हैं तथा आज प्रीमियर भी होनी थी. दूसरी ओर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारी व इओ अजय महमिया ने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के नियमानुसार यदि फिल्म के ग्रेडेशन को लेकर सदस्य एकमत नहीं होते हैं, तो उसे केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के नियमानुसार बोर्ड के अध्यक्ष के विचाराधीन भेजा जाता है.
इस फिल्म को लेकर भी सदस्य एकमत नहीं बन पाये हैं. इस कारण इसे अध्यक्ष को भेजने का निर्णय किया गया है. प्रमाणन के संदर्भ में जैसे ही क्षेत्रीय कार्यालय को सीबीएफसी अध्यक्ष के दफ्तर से कोई जानकारी मिलेगी, उन्हें सूचित किया जायेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या नोटबंदी पर बनी फिल्म के कारण इसे अटका दिया गया है, श्री महमिया ने कहा कि फिलहाल फिल्म को लेकर एकमत नहीं बनने के कारण इसे अध्यक्ष के विचाराधीन भेजा गया है और यह नियमानुसार ही किया गया है और फिलहाल कोई भी निर्णय नहीं किया गया है.