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चीन ने दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश दौरा का किया कड़ा विरोध

कोलकाता : चीन ने दलाई लामा के प्रस्तावित अरुणाचल प्रदेश दौरा का कड़ा विरोध किया है. गुरुवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चीन के कौंसुल जनरल मा झानवु ने कहा कि दलाई लामा का प्रस्तावित दौरे पर चीन को न केवल आपत्ति है, वरन चीन इसका कड़ा विरोध करता है. भारत की इस तरह […]

कोलकाता : चीन ने दलाई लामा के प्रस्तावित अरुणाचल प्रदेश दौरा का कड़ा विरोध किया है. गुरुवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चीन के कौंसुल जनरल मा झानवु ने कहा कि दलाई लामा का प्रस्तावित दौरे पर चीन को न केवल आपत्ति है, वरन चीन इसका कड़ा विरोध करता है. भारत की इस तरह की गितिविधियां भारत व चीन के बीच संबंध में बाधा पैदा करेगी.

वे लोग आशा करते हैं कि भारत सरकार इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए सकारात्मक कदम उठायेगी. श्री झानवु ने भारत-बांग्लादेश के बीच तिस्ता नदी समझौते को लेकर बांग्लादेश सरकार से मदद की अपील पर स्पष्ट कोई जवाब देने से बचते हुए कहा कि उन्हें इसकी पूरी जानकारी नहीं है,लेकिन चीन भारत व बांग्लादेश दोनों के साथ अधिक सहयोग के पक्षपाती है.
उन्होंने कहा , हमलोग बांग्लादेश से अधिक सहयोग चाहते हैं तथा दोनों देश को एक साथ विकास व आपसी सहयोग के मुद्दे पर कार्य करने के लिए तत्पर हैं. विकास से दोनों देश व अन्य देशों को भी लाभ मिलेगा. हम लोग पारस्परिक स्व मदद की युग में जी रहे हैं. उन्होंने कहा : कई देश वैश्विवीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं. भारत भी यह मानता है तथा इसे जारी रखने की जरूरत है तथा चीन भी यही मानता है. वैश्विवीकरण एक नेच्युरल ट्रेंड है.
ओपो के विवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले चीन के लोगों से हमेशा कहा जाता है कि वे स्थानीय संस्कृति व स्थानीय नियम का सम्मान करें. उल्लेखनीय कि इस कंपनी के एक कर्मचारी ने भारतीय झंडे का अपमान किया था. उसके बाद उसे तत्काल नौकरी से हटा दिया गया था. उन्होंने कहा कि यदि ऐसी घटनाएं घटी भी है, तो उनका यह उद्देश्य नहीं था. उम्मीद है कि फिर ऐसी घटनाएं नहीं घटेगी.
5-6 अप्रैल बंगाल आयेगा चीन का प्रतिनिधिमंडल
श्री झानवु ने कहा कि 5-6 अप्रैल को चीन के शैनडांग प्रांत के उपाध्यक्ष जुमिन वांग के नेतृत्व एक प्रतिनिधिमंडल पश्चिम बंगाल आ रहा है. इसमें 15 कंपनियों के 22 बिजनेसमैन भी शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल पश्चिम बंगाल सरकार, वाणिज्यिक संगठन व प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेेगा तथा परस्पर सहयोग के लेकर समझौते पत्र पर भी हस्ताक्षर करेेगा.
उन्होंने कहा कि इस दौरान कृषि विकास केंद्र गठन करने पर भी सहमति बनी है. इसमें चीन तकनीकी सहयोग देगा तथा पश्चिम बंगाल की ओर से अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार व अन्य पूर्वी भारत के राज्यों में विकास की दर बढ़ी है तथा चीन इनके साथ व्यापारिक परस्पर सहयोग के आकांक्षी है.

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