खड़गपुर/कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में आरएसएस व विश्व हिंदू परिषद द्वारा पूरे राज्य में रामनवमी के आयोजन पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि वे राम को लेकर नहीं, रावण को लेकर राजनीति करें. बंगाल में सभी धर्मों व वर्गों के लिए समान स्थान है. बंगाल में दंगा फैलाने वालों की कोई जगह नहीं है. बंगाल में हिंदी भाषी शांति से रहते हैं.
उन्होंने सवाल किया कि क्या बंगाल में किसी हिंदी भाषी का घर जलाने दिया गया है. कभी किसी का घर जलाने नहीं देंगे. बंगाल में हर जाति, बंगाली, हिंदी भाषी, मुसलमान, उर्दूभाषी सभी रहते हैं. छठ पूजा पर उन्होंने अवकाश की घोषणा की, लेकिन केंद्र सरकार ने नहीं किया.
उन्होंने कहा कि वह खुद हिंदू धर्म में जन्म ली हैं तथा दुर्गा पूजा से लेकर विभिन्न पूजा आयोजन करती हैं और उनमें भाग लेती हैं. दंगा करने वाले नेताओं का हिंदु धर्म में कोई स्थान नहीं है. राम ने रावण वध करने के लिए पूजा की थी.
उन्होंने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वह धमकी और चमक से नहीं डरेंगी. भाषा में भी सौजन्यता होनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया था कि दक्षिणेश्वर में मंगल शंख व मंगल आरती उन लोगों ने बंद करा दिया था. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे दक्षिणेश्वर को लेकर भी राजनीति कर रहे हैं. राम को लेकर राजनीति कर रहे हैं. उन्हें जानना चाहिए कि दक्षिणेश्वर मंदिर का संचालन ट्रस्ट द्वारा किया जाता है. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नहीं.
उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि शांति की बात करते हैं, लेकिन इवीएम दखल ले लिया गया. इवीएम दखल की जांच होनी चाहिए तथा मशीन का सैंपल सर्वे कराया जाना चाहिए.