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कोलकाता-खुलना मैत्री पैसेंजर-2 को हरी झंडी
कोलकाता : शनिवार को कोलकाता स्टेशन पहुंची खुलना-कोलकाता मैत्री पैसेंजर-2 रविवार सुबह 8.15 मिनट पर कोलकाता स्टेशन से बांग्लादेश के खुलना स्टेशन के लिए रवाना हो गयी. बांग्लादेश से पधारे 39 लोगों के हॉई लेबल डेलिगेट्स को विदाई देने मंडल रेल प्रबंधक वासुदेव पांडा और पूर्व रेलवे के तमाम बड़े अधिकारी भारत-बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय सीमा […]
कोलकाता : शनिवार को कोलकाता स्टेशन पहुंची खुलना-कोलकाता मैत्री पैसेंजर-2 रविवार सुबह 8.15 मिनट पर कोलकाता स्टेशन से बांग्लादेश के खुलना स्टेशन के लिए रवाना हो गयी. बांग्लादेश से पधारे 39 लोगों के हॉई लेबल डेलिगेट्स को विदाई देने मंडल रेल प्रबंधक वासुदेव पांडा और पूर्व रेलवे के तमाम बड़े अधिकारी भारत-बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय सीमा पेट्रापोल तक गये. इस दौरान कोलकाता स्टेशन पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये थे. सुबह 8.15 पर ट्रेन के रवाना होते ही बनगांव तक लाइन का सिग्नल ग्रीन कर दिया गया.
ट्रेन की सभी बोगियों मेें आरपीएफ और जीआरपी के कमांडो दस्ते को तैनात किया गया था. शनिवार को भारत में प्रवेश करते ही पेट्रापोल से लेकर कोलकाता स्टेशन तक राज्य के लोगों ने स्वागत किया, वहीं रविवार को भी रास्ते भर लोगों ने हाथ हिलाकर बांग्लादेशी दल को विदाई दी. बांग्लादेश की टीम का नेतृत्व कर रहे बांग्लादेश रेलवे के चीफ ऑपरेटिंग सुपरिटेंडेंट बिलालुद्दीन ने कहा कि वह भारत आकर यहां की आवभगत से काफी प्रभावित हैं. इस प्रकार के स्वागत और सम्मान से दोनों देशों के रिश्ते बेहतर होंगे. उन्होंने भारतीय रेलवे की तारीफ करते हुए कहा कि भारतीय रेलवे में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था है. मंडल प्रबंधक बासुदेव पांडा ने बताया कि मैत्री पैसेंजर अप व डाउन का परीक्षण पूर्णरूप से सफल रहा. अब हमारा पूरा ध्यान इसे जल्द से जल्द नियमित करने का है.
इधर, दिल्ली से हजारों मील दूर भारत-बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे पेट्रापोल स्टेशन पर तैनात ट्रैकमैन दिलीप दास भी अपने को कम भाग्यशाली नहीं मानते हैं.
वह बड़े शान से कहते हैं कि खुलना-कोलकाता मैत्री पैसेंजर ट्रेन को भले ही दिल्ली से झंड़ी दिखा कर रवाना किया गया, लेकिन उनके द्वारा हरा सिग्नल दिखाने के बाद ही ट्रेन देश के प्रथम स्टेशन में प्रवेश कर पायी.दिलीप दास सियालदह-बनगांव के पेट्रापोल स्टेशन पर तीन साल से तैनात हैं. वह कहते हैं कि बंगाल के लोगों के साथ उन्हें भी इस दिन का बेसब्री से इंतजार था. आखिर आज वह इस ट्रेन को हरी झंड़ी दिखा कर इतिहास का हिस्सा बन गये.
श्री दास कहते हैं कि यह इलाका काफी सुनसान है, लेकिन अब पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होने से स्टेशन की रैनक बढ़ जायेगी. दिलीप के साथ तैनात दूसरे ट्रैकमैन शिबू विश्वास कहते हैं कि पेट्रापोल स्टेशन से बोर्डर 1.10 किलोमीटर की दूरी पर भारत-बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय बोर्डर शुरू हो जाता है.
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