सीबीआइ अधिकारी बता कर ले भागे गहनों से भरा बैग

रवींद्र सरणी इलाके में एक सरकारी बैंक के पास दिया वारदात को अंजाम तीन लोगों ने कर्मचारी को घेरा और स्मग्लिंग का सोना बता छीन लिया बैग में एक किलो 608.270 ग्राम हॉलमार्क सोना था मौजूद कंपनी के मालिक ने पोस्ता थाने में दर्ज करायी शिकायत कोलकाता. सीबीआइ अधिकारी बताकर एक ज्वेलरी व्यापारी के कर्मचारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2017 7:42 AM
रवींद्र सरणी इलाके में एक सरकारी बैंक के पास दिया वारदात को अंजाम
तीन लोगों ने कर्मचारी को घेरा और स्मग्लिंग का सोना बता छीन लिया
बैग में एक किलो 608.270 ग्राम हॉलमार्क सोना था मौजूद
कंपनी के मालिक ने पोस्ता थाने में दर्ज करायी शिकायत
कोलकाता. सीबीआइ अधिकारी बताकर एक ज्वेलरी व्यापारी के कर्मचारी से एक किलो 608.270 ग्राम सोना लूटकर तीन बदमाश फरार हो गये. लूटे गये जेवरात की कीमत 40 लाख से ज्यादा बतायी गयी है. घटना बड़ाबाजार के रवींद्र सरणी में स्थित एक सरकारी बैंक के बाहर घटी. पीड़ित कर्मचारी का नाम शंकर बोस है. इस घटना की जानकारी उन्होंने कंपनी के मालिक हितेश सिंदे को दी जिसके बाद इसकी शिकायत पोस्ता थाने में दर्ज करायी गयी है.
शिकायत में उन्होंने पुलिस को बताया कि बांसतल्ला लेन में उन्होंने अपने दफ्तर के कर्मचारी को एक बैग में भरकर एक किलो 608.270 ग्राम हॉलमार्क सोना काकुड़गाछी में डिलीवरी करने को दिया था, लेकिन तकरीबन आधे घंटे बाद कर्मचारी शंकर बोस दफ्तर में वापस लौट आया. उसने बताया कि वह कुछ दूर ही गया था कि रवींद्र सरणी में एक सरकारी बैंक के बाहर तीन लोगों ने उसे घेर लिया. तीनों ने खुद को सीबीआइ अधिकारी बताया और उसके बैग की जांच करने लगे. जांच के दौरान बैग में इतना सोना देखकर सोना स्मग्लिंग का आरोप लगाते हुए सीबीआइ अधिकारी के वेश में तीनों लोगों ने उसके हाथों से वह बैग छीन लिया.
इसके बाद उसे गाली-गलौज करते हुए बैग वहां से लेकर भाग गये. पोस्ता थाने की पुलिस ने पूरी जानकारी के बाद तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है. हालांकि इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. पुलिस उस कर्मचारी से भी पूछताछ कर रही है. इधर वारदात स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से घटना की हकीकत का पता लगाने के साथ आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गय है. पोस्ता इलाके में इस तरह की घटना के बाद से अन्य स्वर्ण व्यापारी चिंतित हैं.

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