13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चांपदानी के डलहौसी जूट मिल में तालाबंदी, 5000 बेरोजगार

हुगली : चांपदानी स्थित डालहौसी जूट मिल में प्रबंधन ने अनिश्चित काल के अस्थायी कार्यस्थगन का नोटिस जारी किया है. अक्षय तृतीया पर हुई इस तालाबंदी से स्थायी और अस्थायी पांच हजार मजदूर के चहेरे पर उदासी छा गयी है. इस तालाबंदी को मजदूरों ने प्रबंधन की साजिश करार दी है, ताकि मजदूरों को एक […]

हुगली : चांपदानी स्थित डालहौसी जूट मिल में प्रबंधन ने अनिश्चित काल के अस्थायी कार्यस्थगन का नोटिस जारी किया है. अक्षय तृतीया पर हुई इस तालाबंदी से स्थायी और अस्थायी पांच हजार मजदूर के चहेरे पर उदासी छा गयी है. इस तालाबंदी को मजदूरों ने प्रबंधन की साजिश करार दी है, ताकि मजदूरों को एक मई की छुट्टी का रुपया नहीं देना पड़े. प्रेसिडेंट के तौर पर मिल में नये आये अरुण सिंह के खिलाफ ही मजदूर में आक्रोश है. मजदूरों का कहना है कि मजदूरों का हक मारने के लिए ही उन्हें खास तौर पर लाया गया है.
कुछ नेताओं के जरिये दो साल से गड़े मुद्दे को उठा कर मजदूरों को बरगला कर मिल को बंद करवाया गया. उनके बरगलाने पर ही शुक्रवार सुबह ग्यारह बजे मिल में मजदूरों ने हड़ताल की और उसका लाभ उठाते हुए तालाबंदी कर दी गयी. तालाबंदी की इस नोटिस में इस तालाबंदी के लिए मजदूरों को ही दोषी ठहराया गया है. मिल बंद किये जाने का कारण गैरकानूनी व मनमाने ढंग से श्रमिकों द्वारा काम ठप करना बताया गया है. प्रबंधन की तरफ से जारी नोटिस में साफ तौर से मिल बंद होने का जिम्मेदार श्रमिकों को ठहराया गया है.
प्रबंधन के अनुसार, मिल को चालू रखने के लिए कंपनी की तरफ से अथक प्रयास किये गये. प्रबंधन ने श्रमिकोंके साथ बैठक करके मसलों का हल करने की बात कही पर श्रमिक अपनी जिद पर अड़े रहे. नतीजन कंपनी को बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान हुआ. श्रमिकों द्वारा की गयी अनुचित गैरजिम्मेदाराना, अन्यायपूर्ण हड़ताल को देखते हुए मिल प्रबंधन को मजबूरन अस्थायी कार्य स्थगन का नोटिस लगाना पड़ा. इस कारखाने के बंद होने में मालिक पक्ष किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है. श्रमिकों में व्याप्त रोष, असहयोग मिल बंद होने की वजह बनी है.
मिल के अस्थायी तौर पर बंद होने से मिल में कार्यरत अस्थायी और स्थायी तकरीबन पांच हजार श्रमिकों के ऊपर रोजगार का संकट पैदा हो गया है. मजदूरों का आरोप है कि गुरुवार रात जानबूझ कर फैक्टरी साइट और फिनिशिंग विभाग के मजदूरों से हड़ताल शुरू करवायी गयी और उन्हें यह बताया गया कि 1 मई को देश भर में श्रमिक मई दिवस मानते हैं इस दिन प्रायः सभी कल कारखानों में काम बंद रहता है
इस स्थिति में श्रमिकों के पूरा वेतन दिया जाता है, लेकिन यहां के जिन मजदूरों का उस दिन शिफ्ट के हिसाब से छुट्टी रहती है, उन्हें मिल प्रबंधन मई दिवस का वेतन देने पर दो साल से आनाकानी कर रहा है. इसे लेकर मिल की छह यूनियन के नेता काली सहाय शर्मा, अकबर अली, आरिफ अली, अंसार अली, भोलानाथ मल्लिक और अमर प्रधान आदि ने प्रबंधन के साथ बैठक की, लेकिन बैठक में कोई परिणाम नहीं निकला ऐसा बताकर वे लोग अपने घर लौट गये. काम नहीं होने पर प्रबंधन इसे मजदूरों की हड़ताल और इससे मिल में भारी आर्थिक क्षति बताते हुए तालाबंदी कर दी. मजदूरों का यह भी कहना है कि तालाबंदी के बाद से मिल के आसपास कोई नेता नहीं दिखे. इस बाबत प्रबंधकीय अधिकारियों ने पत्रकारों से बात करने से इंकार किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें