शहरी लोगों को सिखाया जा रहा जैविक खेती का तरीका

कोलकाता: मकान की छत पर खेती के प्रति शहरी लोगों को आकर्षित करने के लिए उन्हें जैविक (ऑर्गेनिक) फसल की खेती की तकनीक से अवगत कराने की पहल की जा रही है. एक मॉडल रूफटॉप ऑर्गेनिक खेती की सुविधा स्थापित करने के लिए उल्टाडांगा स्थित विधान शिशु उद्यान में एक अनूठी पहल की गयी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2017 9:52 AM
कोलकाता: मकान की छत पर खेती के प्रति शहरी लोगों को आकर्षित करने के लिए उन्हें जैविक (ऑर्गेनिक) फसल की खेती की तकनीक से अवगत कराने की पहल की जा रही है. एक मॉडल रूफटॉप ऑर्गेनिक खेती की सुविधा स्थापित करने के लिए उल्टाडांगा स्थित विधान शिशु उद्यान में एक अनूठी पहल की गयी है.
राज्य कृषि विभाग ने हाल ही में यहां एक तीन दिवसीय जैविक खेती मेला का आयोजन किया था. अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों के छात्रों को विधान शिशु उद्यान में रुफटॉप खेती दिखाने के लिए लाया जायेगा, जहां कृषि विभाग की तकनीकी सहायता से जैविक खेती का मॉडल तैयार किया गया है.
गौरतलब है कि उल्टाडांगा में एक इमारत की छत पर चार हजार वर्ग फीट पर जैविक खेती की जायेगी. परियोजना आरंभ करने के लिए प्रारंभिक कार्य शुरू हो चुका है आैर कार्य का फाइनल राउंड जल्द ही आरंभ किया जायेगा. जैविक खेती में पारंगत 10-12 किसान यहां छत पर ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती करेंगे. चूंकि यह इलाका शहर के बीच में है, इसलिए ऑर्गेनिक खेती की आेर अधिक लोगों को आकर्षित करने एवं उन्हें इसकी आसान तकनीक से अवगत कराने में आसानी होगी.
वर्तमान में कुछ किसान उसी इलाके में लगभग तीन बीघा जमीन पर जैविक सब्जियों का उत्पादन करते हैं आैर प्रत्येक रविवार को अपने उत्पाद बिक्री करते हैं. आसपास के जिलों के कुछ किसान भी इस संडे मार्केट में आ कर अपनी ऑर्गेनिक सब्जी बेचते हैं. इसके अलावा राज्य मत्स्य विभाग ने भी उस इलाके में 22 बीघा के एक तालाब में जैविक तरीके से मछलियों का उत्पादन आरंभ किया है. यहां आने वाले लोग न केवल जैविक खेती के तरीके के बारे में जान रहे है, बल्कि उन्हें यह सीखने का भी मौका मिल रहा है कि किस तरह तालाबो में जैविक तरीके से मत्स्य पालन किया जा सकता है. दूसरी तरफ राज्य सरकार ने भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पश्चिम मेदिनीपुर के अबाश इलाके में एक बायो-लैबोरेटरी तैयार करने का फैसला किया है. जैविक खेती के लिए आवश्यक सभी प्रकार के परीक्षण इस प्रस्तावित प्रयोगशाला में किये जा सकते हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार जैविक खेती के लिए एक नयी नीति भी तैयार कर रही है.

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