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बरकती के बिगड़े बोल: विवादित बयान से गरमायी राजनीति, पढें भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो ने क्या कहा

कोलकाता : शाही इमाम के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने कहा कि उनका यह बयान साबित करता है कि बंगाल में सरकार कैसे चल रही है. किस प्रकार से यहां तुष्टीकरण की राजनीति हो रही है, यह स्पष्ट हो गया है. बंगाल में कानून व्यवस्था कितने निचले स्तर पर […]

कोलकाता : शाही इमाम के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने कहा कि उनका यह बयान साबित करता है कि बंगाल में सरकार कैसे चल रही है. किस प्रकार से यहां तुष्टीकरण की राजनीति हो रही है, यह स्पष्ट हो गया है. बंगाल में कानून व्यवस्था कितने निचले स्तर पर चली गयी है, इसे बरकती के बयान से पूरा देश जान चुका है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब मौलाना बरकती ने इस प्रकार का बयान दिया है, वह हमेशा से ही विवादित बयान देते आये हैं.

यहां तक कि देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ भी फतवा जारी कर चुके हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने कभी भी कोई कार्रवाई तो दूर, इसका विरोध तक नहीं किया. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की अनुमति के बिना ऐसा कभी नहीं हो सकता, उन्होंने तो अब सीधे तौर पर मुख्यमंत्री का भी नाम ले लिया है.

बंगाल में सिर्फ वोट के लिए तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही है. भाजपा के संबंध में दिये गये मौलाना के बयान पर भाजपा सांसद ने कहा कि ऐसे लोग समाज में विभाजन लाने का काम करते हैं. भाजपा को हिंदुत्व पार्टी का तमगा दिया जा रहा है. ममता बनर्जी की तुष्टीकरण की राजनीति की वजह से बंगाल घोर अंधेरे की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक व बहुसंख्यक श्रेणी सिर्फ पेपर तक ही सीमित होते हैं, लेकिन जहां विकास की बात आती है, वहां इस प्रकार के विभाजन नहीं होते. भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विकास के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है.

मुझे ब्रिटिश सरकार ने लाल बत्ती के इस्तेमाल की इजाजत दी
टीपू सुलतान मसजिद के शाही इमाम मौलाना सैयद नुरूर रहमान बरकती के विवादित बयान पर राज्य में राजनीति गरमा गयी है. केंद्र सरकार ने वीआइपी कल्चर को समाप्त करने के लिए एक मई से लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है, लेकिन शाही इमाम ने यह कह कर इसे मानने से इनकार कर दिया है कि यहां पर ब्रिटिश सरकार का कानून है और पहले यहां के कानून को बदला जाये, तभी वह इस निर्देश का पालन करेंगे. टीपू सुल्तान मसजिद के शाही इमाम लालबत्ती लगे वाहन में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे.

वाहन पर लालबत्ती होने के संबंध में पूछे जाने पर शाही इमाम ने कहा : मुझे ब्रिटिश सरकार ने लाल बत्ती का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है. वह केंद्र सरकार के आदेश को मानने से इनकार करते हैं, क्योंकि यह कानून ब्रिटिश सरकार का बनाया हुआ है. गौरतलब है कि मंगलवार को शाही इमाम ने ट्वीट के माध्यम से कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें लालबत्ती लगाने की इजाजत दी है और मुख्यमंत्री ने उनसे कहा है कि आप लालबत्ती लगा कर घूमिये, हम आपके साथ हैं.

हालांकि वाम मोरचा के कार्यकाल के दौरान शाही इमाम को लालबत्ती लगाने की अनुमति नहीं थी. इमाम बरकती ने इसके साथ ही भाजपा या आरएसएस का समर्थन करनेवाले मुसलिमों को हिजड़ा करार देते हुए उनके खिलाफ फतवा जारी किया. इमाम ने कहा : बतौर शाही इमाम वह घोषणा करते हैं कि जो कोई भी मुसलमान भाजपा या आरएसएस को समर्थन करेगा, उसकी पिटाई होगी और फिर उसे समुदाय से बाहर कर दिया जायेगा. ब्रिटिश शासन के खिलाफ जैसा जिहाद किया गया था, वैसा ही आरएसएस और भाजपा के खिलाफ भी किया जायेगा. उन्होंने तीन तलाक की वकालत करते हुए कहा कि तीन तलाक एक धार्मिक प्रक्रिया है और यह बिल्कुल इसलामिक शरिया कानून के अनुसार ही है. इसके साथ छेड़छाड़ नहीं हो सकता. मुसलिम महिलाओं को इससे कोई समस्या नहीं होती है. इस देश में मुसलिमों के साथ हमेशा से भेदभाव ही होता है.

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