बंगाल में बिजली विभाग के कंप्यूटर हैक कर मांगी फिरौती

कोलकाता. ‘रैंसमवेयर’ साइबर हमले का असर भारत में भी देखने को मिला है. केरल, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में साइबर हमले के मामले सामने आये हैं. हैकर्स ने बंगाल में बिजली विभाग को निशाना बनाया है. पश्चिम मेदिनीपुर जिला के बेलदा, केशियारी, नारायणगढ़, दांतन सहित विभिन्न सब-स्टेशन के कार्यालयों में साइबर अटैक हुआ है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2017 8:12 AM
कोलकाता. ‘रैंसमवेयर’ साइबर हमले का असर भारत में भी देखने को मिला है. केरल, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में साइबर हमले के मामले सामने आये हैं. हैकर्स ने बंगाल में बिजली विभाग को निशाना बनाया है. पश्चिम मेदिनीपुर जिला के बेलदा, केशियारी, नारायणगढ़, दांतन सहित विभिन्न सब-स्टेशन के कार्यालयों में साइबर अटैक हुआ है. गत दो-तीन दिनों से कंप्यूटर्स पर संदेश आ रहे थे. पहले इसे महत्व नहीं दिया गया. लेकिन सोमवार को इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर खुलने बंद हो गये. हैकर्स ने कंप्यूटर्स को अपनी गिरफ्त से छोड़ने के लिए 600 डॉलर की मांग की है.
माइक्रोसॉफ्ट ने चेताया : हमला भविष्य के खतरों को लेकर आगाह करनेवाला
करीब 150 देशों में इस तरह के हमले हुए हैं. लोगों की फाइल्स लॉक हो गयी हैं और ऐक्सेस रीस्टोर करने के बदले उनसे पैसे मांगे जा रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि जिन कंप्यूटरों पर यह हमला हुआ उस पर कोई भी फाइल नहीं खुल रही थी और तीन दिन के अंदर 300 डॉलर जमा कराने का संदेश आ रहा था. हैकर्स यूजर के जरूरी फाइल्स को लॉक कर देते हैं और उसे दोबारा से ओपन करने के बदले वर्चुअल करंसी बिटकॉइन में फिरौती मांगते हैं. तीन दिन में पैसा न देने पर फिरौती की रकम दोगुनी कर देते हैं. वहीं, सात दिन में न देने पर पूरी फाइलें ही डिलीट कर देते हैं.
एक्सपी वर्जन सर्वाधिक प्रभावित : माइक्रोसॉफ्ट के एक्सपी जैसे पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलनेवाले कंप्यूटर इस मालवेयर से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं. इसके प्रभावित होते ही कंप्यूटर की सभी फाइल लॉक हो जा रही हैं. इसकी पहचान सबसे पहले अमेरिकी खुफिया विभाग ने की. राष्ट्रीय सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए) ने माइक्रोसाफ्ट को तीन महीने पहले इस बारे में सतर्क किया था. माइक्रोसाफ्ट ने स्थिति से निपटने के लिए एक उन्नत संस्करण जारी किया, लेकिन कई उपयोगकर्ताओं ने इसे अब तक डाउनलोड नहीं किया. इधर, मॉस्को स्थित कंप्यूटर सुरक्षा कंपनी कासपर्स्की लैब का कहना है कि अपराधियों ने जिन डिजिटल कोड का उपयोग किया है, उसे एनएसए ने विकसित किया था. इसे बाद में डाक्यूमेंट डंप के रूप में लीक कर दिया गया था.
सरकारों को चेताया : आइटी की दिग्गज कंपनी माइक्रोसाफ्ट के अध्यक्ष तथा मुख्य विधि अधिकारी ब्राड स्मिथ ने दुनिभर की सरकारों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि साइबर हमले ‘रैंसमवेयर’ को देखते हुए सरकारों को सतर्क हो जाना चाहिए. कंपनियों, ग्राहकों तथा सरकार को साइबर हमलों से निपटने के लिए साथ मिल कर काम करने की जरूरत है.
संवेदनशील क्षेत्रों के अधिकारी इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करें केंद्र ने रणनीतिक और संवेदनशील क्षेत्रों में काम करने वाले सभी लोगों से कहा है कि वे बिना नेटवर्किंग वाले कंप्यूटर पर काम करें और आंकड़े तथा संवेदनशील सूचनाएं रखने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल ना करें. गृह, वित्त, रक्षा, विदेश मंत्रालयों और सुरक्षा एजेंसियों में संवेदनशील डेस्क पर काम करने वालों को एहतियात के तौर पर यह चेतावनी भेजी गयी है.

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