दिल्ली में केजरीवाल से मिलीं ममता

कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. श्री केजरीवाल स्वयं बुधवार शाम ममता बनर्जी ने मिलने दिल्ली स्थित उनके आवास पर पहुंचे. दोनों नेताआें के बीच काफी देर विभिन्न मुद्दों पर बात हुई. सूत्रों के अनुसार ममता-केजरीवाल के बीच हुई इस बैठक में राष्ट्रपति चुनाव, भाजपा के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2017 7:54 AM
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. श्री केजरीवाल स्वयं बुधवार शाम ममता बनर्जी ने मिलने दिल्ली स्थित उनके आवास पर पहुंचे. दोनों नेताआें के बीच काफी देर विभिन्न मुद्दों पर बात हुई. सूत्रों के अनुसार ममता-केजरीवाल के बीच हुई इस बैठक में राष्ट्रपति चुनाव, भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों का गंठबंधन तैयार करने से जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई.

बैठक की समाप्ति के बाद सुश्री बनर्जी ने कहा कि बैठक बेहद महत्वपूर्ण थी, जिसमें हमलोगों के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई. इस अवसर पर तृणमूल सुप्रीमो ने दिल्ली व हरियाणा के बीच जल के बंटवारे के मुद्दे पर हरियाणा की भाजपा सरकार की निंदा की. उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य का पानी रोकना ठीक नहीं है. दिल्ली व हरियाणा दोनों ही भारत के राज्य हैं. हम सब एक देश के लोग हैं. पानी की किल्लत को हम लोग अच्छी तरह समझते हैं. यह अच्छी बात है कि हरियाणा ने बुधवार से दोबारा दिल्ली को पानी की आपूर्ति आरंभ कर दी है, पर जो कुछ भी हुआ, वह ठीक नहीं है. बेहद निंदनीय है.

ममता-सोनिया की बैठक से भाजपा होगा फायदा : कुणाल : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बन रहे समीकरण का पश्चिम बंगाल की राजनीति पर असर पड़ना तय माना जा रहा है. राज्य में इस मुद्दे पर सियासत गर्म हो चुकी है. जिस तरह से तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच बैठक हुई है, उसका फायदा राज्य में भाजपा को मिल सकता है.

यह बात राजनीतिक जानकार से लेकर तृणमूल से निलंबित राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष भी मान रहे हैं. श्री घोष के मुताबिक सोनिया-ममता साथ आते हैं, तो पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेता व कार्यकर्ताओं के लिए उसे हजम करना आसान नहीं होगा. जो कांग्रेस नेता ममता को सुबह से शाम तक पानी पी-पी कर कोसते रहे हैं, उनके खिलाफ अब किस नैतिकता से मुंह खोलेंगे. कहा जा रहा है कि कांग्रेस हाइकमान के इस कदम से पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा और वे भाजपा की ओर रुख कर सकते हैं. भाजपा भी कांग्रेस व तृणमूल की नजदीकियों पर नजर बनाए हुए है.

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