मानवीय संवेदना के साथ कार्य करें चिकित्सक

कोलकाता. अस्पतालों में मरीजों के नाराज परिजनों द्वारा तोड़फोड़ और डॉक्टरों पर हमले को ‘अस्वीकार्य’ करार देते हुये राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने गुरुवार को महानगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सेवा तंत्र सुनिश्चित करने के लिए उनकी भी कुछ जिम्मेदारियां हैं. उन्होंने हालांकि इस बात पर दुख भी जताया कि चिकित्सा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2017 7:58 AM
कोलकाता. अस्पतालों में मरीजों के नाराज परिजनों द्वारा तोड़फोड़ और डॉक्टरों पर हमले को ‘अस्वीकार्य’ करार देते हुये राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने गुरुवार को महानगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सेवा तंत्र सुनिश्चित करने के लिए उनकी भी कुछ जिम्मेदारियां हैं.

उन्होंने हालांकि इस बात पर दुख भी जताया कि चिकित्सा पेशे में ‘सेवा’ का सिद्धांत अब कम होता जा रहा है. उन्होंने चिकित्सा पेशेवरों से फिर से वह ‘मानवीय संवेदना’ लेकर आने का अनुरोध करते हुए कहा कि एक मुस्कुराता हुआ चेहरा हजारों जिंदगियां ठीक कर सकता है. राष्ट्रपति मुखर्जी यहां इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड डायजेस्टिव साइंसेज (आइआइएलडीएस) के उदघाटन के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे.

कोलकाता के दक्षिण उपनगरीय सोनारपुर में पश्चिम बंगाल लिवर फाउंडेशन द्वारा स्थापित यह संस्थान पूरी तरह यकृत से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि मरीजों और मरीजों के परिजनों की भी कुछ जिम्मेदारियां हैं. अस्पतालों में तोड़फोड़, डॉक्टरों की पिटाई (मरीज की मौत की स्थिति में) स्वीकार्य नहीं है. राष्ट्रपति की यह टिप्पणी इसलिये महत्वपूर्ण है क्योंकि मार्च में महाराष्ट्र के सरकारी और निगम अस्पतालों में ओपीडी और जनरल वार्ड में ऐसे ही हमले के बाद अस्पताल के डॉक्टर अस्पताल पर चले गये थे और सारी सेवाएं ठप हो गयी थीं. राष्ट्रपति मुखर्जी ने निजी अस्पतालों द्वारा बेहिसाब शुल्क वसूले जाने की शिकायत मिलने के बाद उन पर लगाम लगाने के लिए समारोह में उपस्थित पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी सराहना की. ममता बनर्जी ने फरवरी में राज्य के बड़े निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर बताया था कि उन्हें सिर्फ लाभ कमाने के बारे में और गरीब मरीजों की अनदेखी के बारे में नहीं सोचना चाहिये.

बाद में राज्य सरकार ने इस संबंध में एक विधेयक भी पास किया था जिसका उद्देश्य पारदर्शिता लाना, मरीजों का उत्पीड़न रोकना और डॉक्टरों की लापरवाही पर अंकुश लगाना था. इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चिकित्सकों को लोगों की भावनाओं को समझते हुए मुस्कान के साथ सेवा प्रदान करनी चाहिए. चिकित्सा कोई धन कमाने का उद्योग नहीं है, यह सेवा कार्य है. इस मौके पर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.

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