हर आंदोलन में युवाओं ने निभायी महत्वपूर्ण भूमिका
बोले बुद्धदेव भट्टाचार्य कोलकाता. देश का शायद ही ऐसा कोई आंदोलन हो, जिसमें युवा वर्ग ने भूमिका नहीं निभायी हो. वर्ष 1960-70 में पश्चिम बंगाल में हुए आंदोलनों में भी युवाओं ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. मौजूदा विषम स्थिति में भी उनका आंदोलन जारी है और यह जारी भी रहेगा. युवा समाज की नींव हैं […]
बोले बुद्धदेव भट्टाचार्य
कोलकाता. देश का शायद ही ऐसा कोई आंदोलन हो, जिसमें युवा वर्ग ने भूमिका नहीं निभायी हो. वर्ष 1960-70 में पश्चिम बंगाल में हुए आंदोलनों में भी युवाओं ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. मौजूदा विषम स्थिति में भी उनका आंदोलन जारी है और यह जारी भी रहेगा. युवा समाज की नींव हैं और उनके बिना समाज का विकास कतई नहीं हो सकता है.
ये बातें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने बुधवार को डीवाइएफआइ के एक कार्यक्रम के दौरान कहीं. उन्होंने डीवाइएफआइ के इतिहास को भी बताया. इस मौके पर माकपा सांसद मोहम्मद सलीम, डीवाइएफआइ कोलकाता जिला कमेटी के सचिव इंद्रजीत घोष समेत अन्य नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे. इंद्रजीत घोष ने बताया कि पश्चिम बंगाल में डीवाइएफआइ का गठन दिवंगत दिनेश मजूमदार ने नौ जून, 1968 में किया था. वे युवा संगठन के पहले अध्यक्ष थे. डीवाइएफआइ के पहले सचिव पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य बने थे.
आंदोलन में डीवाइएफआइ के बढ़ती सक्रियता व लोकप्रियता के बाद वर्ष 1980 में पंजाब के जालंधर में संगठन का गठन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ. डीवाइएफआइ से संगठन डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाइएफआइ) नाम से संगठित हुआ. डीवाइएफआइ के जल्द 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में नौ जून को संगठन की ओर से सॉल्टलेक में सेमिनार का आयोजन किया जायेगा. उसी कार्यक्रम के लिए बुधवार को डीवाइएफआइ के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का अनावरण पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने किया.